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Deputy Chairman Rajya Sabha Harivansh speech in abhyas mandal vyakhyanmala

श्रोताओं को संबोधित करते हरिवंश
– फोटो : न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर

विस्तार

दुनिया नए दौर में प्रवेश कर रही है। यह दौर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का है। आज हम परमाणु बम से भी खतरनाक हथियार बना रहे हैं और एक ऐसे दोराहे पर खड़े हैं, जहां हमें विकास और पृथ्वी की सुरक्षा के बीच खुद का भविष्य ही तय करना है। मेरा मानना है कि दुनिया के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और परमाणु बम उतना बड़ा खतरा नहीं है, जितना बड़ा खतरा नैतिक मूल्यों का पतन है। यदि हमने नैतिक मूल्य खो दिए तो फिर दुनिया को पतन से कोई नहीं रोक पाएगा। 

ये बातें राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने अभ्यास मंडल की व्याख्यानमाला में कही। यह कार्यक्रम वरिष्ठ पत्रकार और नईदुनिया के प्रधान संपादक रहे स्वर्गीय अभय छजलानी को समर्पित किया गया। वेबदुनिया के संस्थापक विनय छजलानी ने यह वादा किया कि तकनीक के माध्यम से सकारात्मक परिवर्तन के लिए उनकी टीम हरसंभव प्रयास करती रहेगी। 

मुख्य वक्ता हरिवंश ने अपने संबोधन में दुनियाभर के कई लेखकों, राजनीतिज्ञों और अन्य महान शख्सियतों की बातों को शामिल किया। उन्होंने अपने वक्तव्य में विकास और विनाश के बीच सामंजस्य स्थापित करने पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विकास की इस अंधी दौड़ में भारत ही वह राष्ट्र है जो दुनिया को नैतिक मूल्यों के लिए जागृत कर सकता है। उन्होंने बताया कि दुनिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को डेवलप कर रही है, लेकिन भारत इस बात पर काम कर रहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को कैसे नैतिक रखा जाए। इसके लिए भारत में रिसर्च चल रही है और वैदिक गणित की मदद से उस पर काम हो रहा है। 

ओल्ड पेंशन स्कीम से टूट जाएगी अर्थव्यवस्था

हरिवंश ने भविष्य के गंभीर मुद्दों पर भी ध्यान खींचा। उन्होंने कहा कि भारत में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू हो रही है। यदि इसे लागू किया गया तो 2034 में आने वाली सरकार के पास विकास कार्यों के लिए बजट ही नहीं बचेगा। हरिवंश ने कहा कि सरकारी सिस्टम में काम करने वालों का समूह इतना मजबूत है कि वह इसे लागू करवाकर ही मानेंगे, लेकिन इससे देश पतन की ओर चला जाएगा। 

विकास और विनाश एक साथ ही होगा

हरिवंश ने कहा कि तकनीक ने दुनिया को एक छोटे गांव के रूप में समेट दिया है। अब दुनिया के किसी भी देश में कुछ होता है तो उसका प्रभाव हर जगह पड़ता है। तकनीक ने पूरी दुनिया को कैप्चर कर लिया है। अब विकास और विनाश एक साथ होगा। जो देश यह सोचते हैं कि उनके पास परमाणु बम हैं वह दूसरे पर फेंक कर बच जाएंगे तो वह गलत सोच रहे हैं। 

उपभोग से कभी वासना तृप्त नहीं होगी

हरिवंश ने कहा कि आज विज्ञापन जगत और औद्योगिकीकरण लोगों को उपभोग की तरफ ले जा रहा है। हमें यह याद रखना चाहिए कि उपभोग घी की तरह काम करता है। हम जितना उपभोग करते हैं वासना उतनी ही बढ़ती जाती है। उपभोग करने से वासना कभी शांत नहीं होती। उन्होंने यम और नचिकेता का उदाहरण देते हुए बताया कि नचिकेता को यम ने सभी सुख संसाधन दिए, लेकिन नचिकेता मृत्यु का रहस्य जानने के लिए अड़े रहे, क्योंकि सभी सुख कुछ समय के लिए हैं, लेकिन जीवन का मर्म बहुत गहरा है। हमें जीवन कैसे जीना है और इस जीवन के बाद कहां जाना है, यह समझना होगा। 

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