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जीवन के अनुभव को रेखा और रंगों में ढालकर कभी कैनवास पर तो कभी कपड़े पर उतारने का जो खूबसूरत काम वरिष्ठ कलाकार ऋषिकेश शर्मा ने किया उसे उनके अपनों ने प्रीतमलाल दुआ सभागृह में प्रदर्शित किया। उज्जैन के समीप घटिया के रहने वाले इस कलाकार के निधन के बाद उनके मित्रों ने तीन दिनी कला प्रदर्शनी आयोजित की। ऋषिरंग नाम से आयोजित हुई इस कला प्रदर्शनी में कलाकार के करीब 80 चित्र और सैकड़ों स्कैच को प्रदर्शित किया गया है। इन कलाकृतियों को देख यह तो साफ जाहिर होता है कि ऋषिकेश शर्मा किसी एक शैली या किसी एक अवधारणा में बंधकर कार्य करने में विश्वास नहीं करते थे। तब ही तो उनकी कलाकृतियों में विषय, शैली, रंगों को लगाने का तरीका यहां तक की आकृतियों को बनाने के प्रकार में भी विविधता नजर आती है। 

 



कभी चटख तो कभी धूसर रंगों का उपयोग इन्होंने अपनी कलाकृतियों में किया है। कैनवास और कागज पर ही नहीं बलि्क कपड़े पर भी कलाकार ने चित्र बनाए हैं। कपड़े पर इन्होंने बटिक प्रिंट तकनीक को लेकर कलाकारी की। इनमें चित्रकार का नजरिया साफ नजर आता है। ऋतुफलक द्वारा अपने संस्थापक सदस्य स्व. ऋषिकेश शर्मा की कलाकृतियों की एकल प्रदर्शनी “ऋषिरंग’ का कला प्रदर्शनी का उद्घाटन वरिष्ठ चित्रकार  श्रेणिक जैन एवं जनजाति लोक संस्कृति अध्येता वसंत निरगुणे ने दिव्प प्रज्वलित कर किया।


कला, कलाकार और विचार को समर्पित संस्था ‘ऋतुफलक’ प्रीतमलाल दुआ सभागृह में 12 से 14 मई 2023 तक चित्रकार स्व. ऋषिकेश शर्मा की पेंटिंग्स, स्कैच एवं बाटिक की प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहां है। शर्मा ने अपनी स्वाभाविक प्रतिभा को हरेक माध्यम पर उकेरा, अपने विचारों को व्यक्त करने में हमेशा विश्वास किया, जिससे उन्हें जीवन भर कई पुरस्कार और प्रशंसा मिली।


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