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संवाद न्यूज एजेंसी

आटा। कस्बे के आटा-इटौरा मार्ग पर स्थित जल संस्थान विभाग द्वारा लगे नलकूपों के बोर फेल होने से गर्मी बढ़ने के साथ जल संकट शुरू हो गया है। आटा के बाशिंदे पिछले एक साल से पानी की किल्लत झेल रहे हैं, कभी नलकूपों की मोटर खराब होना कभी जलस्तर घटना से लोग पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं।

कस्बा आटा की आबादी करीब 18 हजार है। करीब पचास वर्ष पूर्व जल संस्थान द्वारा पानी की टंकी का निर्माण कराया था और दो नलकूप लगाए थे। वर्तमान में दोनों नलकूपों का जलस्तर घटने से नलकूपों ने पानी देना बंद कर दिया है। पचास वर्ष पूर्व जब कस्बे में जल संस्थान द्वारा पानी की टंकी का निर्माण कराया था, तब विभाग द्वारा छह कर्मचारियों की नियुक्ति की थी, जिसमें पांच कर्मचारियों की सेवानिवृत्त हो चुके हैं वर्तमान में एक कर्मचारी के भरोसे जल संस्थान विभाग चल रहा है।

बता दें कि पिछले एक साल से आटा के कई ऐसे मोहल्ले हैं जहां हफ्तों तक उनके नलों में पानी नही पहुंचता है। लोग दिन रात रतजगा कर अपने नलों में बैठकर पानी का इंतजार करते हैं। मगर उनके नलों में पानी नहीं आता है। कस्बे के ऊंचाई वाले इलाके में सबसे ज्यादा पानी की समस्या है। अधिकतर हैंडपंपों का पानी खारा होने से ग्रामीण पीने वाले पानी के लिए तरस रहे हैं।

गुस्साए ग्रामीणों ने दो माह पहले आटा के जल संस्थान परिसर में बैठकर धरना दिया था, जानकारी पर जल संस्थान व जल निगम के अधिकारियों ने पहुंचकर ग्रामीणों को आश्वस्त किया था कि दस दिन के अंदर नमामि गंगे योजना के बोर से जल संस्थान के नलकूपों में लाइन जोड़कर गांव में हर घर में पानी पहुंचा दिया जाएगा, लेकिन दो माह बीतने के बाद भी लाइन नहीं जोड़ी गई हैं।

लोग अभी भी पानी की एक एक बूंद की जद्दोजहद कर रहे हैं। आटा निवासी, राजू साविता, किशोर तिवारी, प्रदीप तिवारी, शंकर श्रीवास, अतुल, अंजू, राजू पाल, सोनू तिवारी, शशिकांत तिवारी, पूर्व प्रधान रामौतार अहिरवार आदि का कहना है कि जल्द ही विभाग गांव की पानी की समस्या को दूर नही की तो सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। जल संस्थान के जेई सभापति यादव ने बताया नलकूपों का जलस्तर घटने बोर पानी नहीं दे रहे। मिस्त्री को भेजकर बोर में पाइप डलवाए जा रहे हैं।

नमामि गंगे से बन रहा नलकूप का काम पूरा हो गया। बिजली कनेक्शन का कार्य बाकी रह गया। इसके बाद जल संस्थान के नलकूपों में लाइन को जोड़ दिया जाएगा जिससे पानी की समस्या दूर हो जाएगी।

अंचल गुप्ता, एक्सईएन जल निगम।

टैंकरों व साइकिलों ढोकर ला रहे पानी

आटा। कस्बा में पानी की मार झेल रही आधे से ज्यादा आबादी सुबह से ही कुआं व प्राइवेट नलकूपों में टैंकर से पानी ढोकर लाते हैं, तब जाकर पीने का पानी नसीब हो रहा है।

जल्द न सुधरे नलकूप तो होगी दिक्कत

फोटो-7-लोधेश।

आटा निवासी लो धेश कुमार ने बताया कि गांव में शुद्ध पानी सिर्फ आटा में जल संस्थान द्वारा नलकूपों से मिलता था, नलकूपों का बोर खराब होने से खारा पानी पीना पड़ रहा है। जल्द ही विभाग नलकूप को सही कराए नहीं तो ग्रामीणों को कई मुश्किलें सामने आएंगी।

खारा पानी पीने से बीमारी का खतरा

फोटो-8-दिनेशी पांचाल।

दिनेशी पांचाल ने बताया कि जब से नलकूप खराब हुए हैं। हमारे घर में हैंडपंपों का खारा पानी पिया जा रहा है। बच्चों को खारा पानी पीने से बीमारियों का खतरा बढ़ गया हैं। गर्मी बहुत पड़ रही हैं ऐसे में खारा पानी से ही प्यास बुझ रही हैं।

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