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– फोटो : Amar Ujala
विस्तार
हाथरस के शिक्षकों में भी एनपीएस घोटाला चर्चा का विषय बना हुआ है। शिक्षकों का कहना है कि इस घोटाला में शिक्षकों की गाढ़ी कमाई फंस गई है। गनीमत रही कि हमारे जिले में यह स्थिति नहीं है।
यूपी के 25 जिलों के माध्यमिक शिक्षा परिषद के 4200 से अधिक शिक्षकों व कर्मचारियों के न्यू पेंशन स्कीम(एनपीएस) का पैसा बिना इनकी अनुमति के नियम विरुद्ध तरीके से निजी कंपनियों में निवेश करने का मामला सामने आया है। इससे शिक्षा जगत में खलबली मच गई है। शासन ने इस मामले में जांच कराकर जिम्मेदारों के खिलाफ एफआईआर के निर्देश दिए हैं। वहीं हाथरस के शिक्षक में भी एनपीएस घोटाला चर्चा का विषय बना हुआ है। शिक्षकों का कहना है कि यह शिक्षकों व कर्मचारियेां के साथ बहुत बड़ी नाइंसाफी है। इस मामले के जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। गनीमत रही ऐसा मामला अभी तक हाथरस में सामने नहीं आया है।
पुरानी पेंशन व्यवस्था के प्रमुख बिंदु
- वेतन से नहीं होती थी कटौती।
- जीपीएफ की सुविधा।
- छह माह बाद महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी।
- जीवित रहने तक पेंशन। उसके बाद आश्रित के लिए पेंशन की व्यवस्था।
नई पेंशन स्कीम के प्रमुख बिंदु
- वेतन में से कटौती।
- पेंशन की रकम तय नहीं।
- जीपीएफ की व्यवस्था नहीं।
- छह माह बाद महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का प्राविधान नहीं।
एनपीएस घोटाले का मामला काफी गंभीर है। इससे शिक्षकों की गाढ़ी कमाई पर संकट के बादल छा गए हैं। इस मामले में जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। – सुनील शर्मा, शिक्षक नेता।
एनपीएस घोटाला शिक्षकों व कर्मचारियों के साथ बड़ी ज्यादती है। पुरानी पेंशन व्यवस्था में यह घोटाला संभव नहीं था, इसलिए हम नई पेंशन स्कीम का विरोध कर रहे हैं।– सुरेश चंद्र शर्मा, शिक्षक नेता।