MP Election 2023: Chief Minister Shivraj claimed a strong comeback, what is the basis of this?

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
– फोटो : सोशल मीडिया

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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश में 17 नवंबर को मतदान हुआ। इसके बाद अटकलों का बाजार गर्मा गया है। तीन दिसंबर को मतगणना होगी। मतदान के बाद से ही भाजपा और कांग्रेस अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। मतदान के चार दिन बाद एक्टिव हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को खाद वितरण को लेकर बैठक की। अधिकारियों को खाद वितरण सुनिश्चित करने के लिए निर्देश भी दिए।  

17 से 20 नवंबर तक आखिर शिवराज कहां थे? जवाब है कि उन्होंने इस दौरान पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ मंथऩ किया। फिर मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में 140 सीट जीतकर सरकार बनाने का दावा कर दिया। उनकी टीम के सदस्य दावा कर रहे हैं कि मतदान के दिन भाजपा का प्रबंधऩ कांग्रेस से बेहतर रहा। इसके साथ-साथ लाड़ली बहना योजना का भी प्रभाव जमीन पर दिखाई दिया। इसके आधार पर शिवराज ने 140 सीटें जीतने का दावा किया है।  

क्या लाड़ली बहना योजना होगी गेमचेंजर? 

भाजपा ने जनकल्याण योजनाओं को मुद्दा बनाया। लाड़ली बहना योजना को लेकर जमकर प्रचार-प्रसार किया। प्रदेश सरकार इस योजना में प्रदेश की 1.31 करोड़ महिलाओं को हर महीने 1,250 रुपये खातों में देती है। योजना का प्रभाव ही है कि करीब 145 सीटों पर 75% से अधिक महिलाओं ने मतदान किया। प्रदेश की 34 सीटों पर महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा वोटिंग की। कांग्रेस ने भी लाड़ली बहना योजना के मुकाबले नारी सम्मान योजना की घोषणा की है। इस योजना में महिलाओं को 1,500 रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया है। निश्चित तौर पर इसे लेकर भी महिलाओं में उत्साह है। कोई भी पार्टी जीते, महिलाओं को तो हर महीने खाते में पैसे मिलते रहेंगे। इस वजह से राजनीतिक पंडित महिलाओं की वोटिंग का पूरा लाभ भाजपा को मिलने के दावे को झूठला रहे हैं। 

मतदान पर संगठनात्मक ढांचे से बढ़ा मतदान 

भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस बार मतदान के दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संगठन सक्रिय रहा। स्वयंसेवक लोगों को घरों से निकालकर बूथ तक लाने में कामयाब रहे। इसके अलावा भाजपा संगठऩ ने भी हर बूथ पर अधिक से अधिक मतदान की रणनीति बनाई थी। राष्ट्रीय स्तर के 20 नेताओं ने मतदान के दिन सुबह छह बजे अपने पदाधिकारियों को मैसेज भेजा। इसमें उन्हें 20 लोगों से मतदान कराने और ज्यादा मतदान के लिए सक्रिय होने की अपील की। बूथ स्तर तक इस व्यवस्था को आगे बढ़ाया गया। 

कांग्रेस को ओपीएस, यूथ पर भरोसा

मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटों पर इस बार 77.15 प्रतिशत मतदान हुआ है। 78.21 प्रतिशत पुरुषों और 76.03 प्रतिशत महिलाओं ने वोट डाला। 2018 में  कुल 75.65 प्रतिशत मतदान हुआ था। राजनीतिक दलों के दावों पर जानकारों का कहना है कि दोनों ही दल मतदान के बाद अपने-अपने गणित बिठा रहे हैं। भाजपा लाड़ली बहना के आधार पर जीत का दावा कर रही है लेकिन कांग्रेस को भरोसा है कि ओपीएस के मुद्दे पर कर्मचारी वर्ग ने उसका साथ दिया। यूथ भी कांग्रेस के पक्ष में खड़ा हुआ। इससे लाड़ली बहना योजना से हुए नुकसान की भरपाई हो जाएगी। किसान चुनावों में उदासीन रहा है। कांग्रेस का बदलाव का मुद्दा भी उतना प्रभावी नहीं दिखा। इससे दोनों में ही कांटे की टक्कर लग रही है।



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