MP Election 2023 Flags banners and posters missing in elections Call center and social media trend increased

चुनावी सामग्री
– फोटो : अमर उजाला

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नौ अक्टूबर को निर्वाचन आयोग ने मध्यप्रदेश में चुनाव की तारीख की घोषणा की और 36 दिन तक चुनाव प्रचार चला। लेकिन इस बार झंडे, पोस्टर और पंपलेट से बाजार मुक्त रहा। इस बार चुनावी सभा इंटरनेट मीडिया पर ही सिमट गया।

निर्वाचन आयोग की सख्ती के चलते चुनावी सामग्री का व्यापार करने वालों की दुकानों पर इस बार प्रत्याशी और उनके समर्थकों की भीड़ नजर नहीं आई। किसी समय पोस्टर, पंपलेट और अन्य सामग्री के लिए दुकानों पर बहुत भीड़ रहती थी। इस बार झंडे, पोस्टर और बैनर के व्यापार में पिछले चुनाव के मुकाबले करीब 60 प्रतिशत की कमी आई। पोस्टर, बैनर और झंडों से पट्टी पड़ी सड़कों के सुन रहने से प्रत्याशी और उनके समर्थक जरूर परेशान रहे। लेकिन आम मतदाताओं को इससे राहत मिली है।

चुनाव सामग्री विक्रेताओं का कहना है, चुनाव आयोग के डंडे के कारण इस बार व्यापार व्यवसाय पूरी तरह सिमट गया है। अब पार्टी या सीधे प्रचार सामग्री तैयार कर प्रत्याशियों को उपलब्ध करवा देती है। आयोग की सख्त नियमावली के चलते इस बार झंडा, बैनर का व्यापार व्यवसाय पूरी तरह पिट गया है। दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों ने इस बार चुनाव में इंटरनेट मीडिया पर ज्यादा जोर दिया। कॉल सेंटर बनाकर कार्यकर्ताओं को सूचना भेजी और प्रचार भी सोशल मीडिया पर ही ज्यादा किया। ऐसे में परंपरा का साधन जैसे पोस्टर बैनर, झंडा और टोपियों का चलन कम ही रहा।



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