बांसगांव इलाके में सामूहिक दुष्कर्म पीड़ित छात्रा घटना को याद करते ही सिहर जा रही है। जिला अस्पताल में भर्ती छात्रा के आंसू रुकने के नाम ले रहे। वह बस एक ही बात कह रही- दीपक और उपेंद्र ने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी। दोनों काफी दिनों से मुझे परेशान कर रहे थे। मैं चीख रही थी, रो रही थी, गुहार लगा रही थी कि छोड़ दो, लेकिन हैवानों ने मेरी एक न सुनी। जब छोटा भाई आया तो आरोपियों ने उसे पीट दिया।

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यह कहने के बाद वह फिर फफक कर रोने लगी। मां उसे संभाल रही है तो मासूम भाई को कुछ समझ ही नहीं आ रहा है कि उसके परिवार के साथ क्या हो रहा है।बेटी को संभालती मां के आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे। रोती हैं, फिर खुद को समझाकर बच्ची को संभालने में जुट जाती हैं। बेटा भी छोटा ही है।

कभी बेटी तो कभी बेटे को संभालती मां के साथ उसकी देवरानी भी हैं। वह किसी तरह से सबको समझा रही हैं। चाची बताती हैं- शोहदा काफी दिनों से बेटी को परेशान करता था, लेकिन न तो बेटी ने लोकलज्जा के डर से कभी बताया, न हम लोग ही समझ पाए। जब पता चला, तब तक जिंदगी तबाह हो चुकी है। लेकिन, शोहदों को छोड़ेंगे नहीं।

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उन्होंने कहा-आरोपियों को उनकी करनी की सजा दिलाने तक लड़ेंगे। पुलिस से भी यही गुहार है कि आरोपियों को कड़ी सजा मिले। सजा ऐसी हो कि कोई किसी की बेटी के आबरू से खेलने की कोशिश न कर सके। दोनों आरोपी के परिवार वाले भी मनबढ़ हैं, घटना की जानकारी होने पर समझाने की जगह हम लोगों को ही डांटने लगे। बाद में पुलिस आई तो आरोपी, परिवार के साथ फरार हो गए थे।



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