
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया
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ऑपरेशन तमंचा अभियान सुस्त पड़ा तो जिले में एक बार फिर अवैध असलहे गरजने लगे हैं। हरपुर बुदहट में हत्या हो या फिर गोरखनाथ में हवाई फायरिंग सभी में अवैध असलहा की बात सामने आई।
खुद पुलिस ने आर्म्स एक्ट की धारा भी बढ़ा दी, लेकिन अवैध असलहों के इस्तेमाल की बात एक बार फिर सामने आ गई है। जबकि, पुलिस ने पूर्व में जब सख्ती की तो हत्या में भी लाठी-डंडा तक के इस्तेमाल के केस आते है। इसे आईजी जोन रविंद्र गौड़ ने गंभीरता से लिया है। खबर है कि आईजी ने ऑपरेशन तमंचा में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी है।
जानकारी के मुताबिक, एडीजी अखिल कुमार के आदेश पर दो साल पहले अवैध असलहों के खिलाफ अभियान चला। इसे ऑपरेशन तमंचा का नाम दिया गया। इसका असर भी रहा। कई बदमाश दबोचे गए और 2022 में गोरखपुर जोन में 4,132 असलहे भी बरामद कर लिए गए। असलहा पकड़े जाने के बाद पुलिस ने दावा किया कि तस्करों के नेटवर्क को खंगाला जा रहा है। जल्द ही दबोचा जाएगा। लेकिन, ऐसा होता कभी नहीं।
इसे गंभीरता से लेते हुए नए साल की शुरुआत होते ही एडीजी ने ऑपरेशन तमंचा-2 चलाने का आदेश दिया। इसका मकसद है कि असलहा तस्करों को पकड़ा जाए, ताकि अवैध असलहे जिले में आने ही ना पाए, लेकिन इसकी भी शुरुआत में सिर्फ असलहों के इस्तेमाल करने वालों की गिरफ्तारी से हुई। लेकिन, अब तो न असलहा इस्तेमाल करने वाले पकड़े जा रहे हैं और न ही नेटवर्क के तह तक ही पुलिस पहुंच पा रही है।