
पुरुष वोटरों की लगी कतार।
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इस बार भाजपा के लिए लाडली बहना गेम चेंजर के रूप में मानी जाती रही। हालांकि इसका कितना असर पूरे चुनाव पर पड़ा यह तो तीन दिसंबर को ही पता चलेगा, जब ईवीएम परिणाम बताएगी। अब तक जो आंकलन राजनीतिक विशेषज्ञों और कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए जा रहे हैं, उसके मुताबिक लाडली बहना का जोर उज्जैन की सातों विधानसभा सीटों पर रहा है और महिलाओं ने बढ़-चढ़कर वोट डाले और पिछले चुनाव की तुलना में उनका प्रतिशत भी बढ़ा है। बावजूद इसके पुरुष मतदाताओं की संख्या फिर भी अधिक ही रही है।
उज्जैन की सात विधानसभा सीटों की बात की जाए तो पुरुष मतदाताओं की संख्या जहां 6 लाख 26 हजार 639 रही, जिन्होंने वोट डाले। वहीं इसकी तुलना में महिला मतदाताओं की संख्या 5 लाख 76 हजार 376 रही है। इस तरह उज्जैन जिले में ही 50 हजार 263 पुरुषों ने अधिक वोट डाले हैं।
जानकारों का यह भी कहना है कि सभी सीटों से लेकर अन्य राज्यों में भी जो चुनाव हुए वहां पर महिलाओं के मत प्रतिशत में पहले की तुलना में इजाफा हुआ है। हालांकि उज्जैन जिले में भी कई मतदान केंद्रों पर महिलाओं की लंबी-लंबी कतारें देखी गईं और इसमें कोई शक नहीं है कि भाजपा को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की लाडली बहना योजना का अच्छा लाभ मिला है। हालांकि यह सरकार बनाने में सहायक होगा या नहीं यह तो चुनाव परिणाम आने पर ही पता चलेगा। उज्जैन की सात विधानसभा सीटों की बात की जाए तो कुल महिला मतदाताओं की संख्या 7 लाख 58 हजार 579 और पुरुष मतदाताओं की संख्या 7 लाख 74 हजार 394 है, जबकि 70 थर्ड जेंडर मतदाता जिले में है, जिनमें से 20 ने वोट डाले।
उज्जैन दक्षिण में महिलाओं ने डाले सबसे ज्यादा वोट
सबसे अधिक 87 हजार 972 महिला वोट उज्जैन दक्षिण विधानसभा में डले हैं, तो उत्तर विधानसभा में यह संख्या 77 हजार 677, बड़नगर में 81 हजार 43, घट्टिया में 87 हजार 190, तराना में 73 हजार 330, महिदपुर 83 हजार 748, नागदा-खाचरौद में 85 हजार 416, महिलाओं ने वोट डाले हैं।
पुरुष मतदाताओं ने डाले इतने वोट
पुरुष मतदाताओं में नागदा में 92 हजार 457, महिदपुर में 92 हजार 351, तराना में 80 हजार 272, घट्टिया में 96 हजार 263, उज्जैन उत्तर में 82 हजार 984 और उज्जैन दक्षिण में 93 हजार 179 पुरुषों ने वोट डाले हैं, जिनकी संख्या लाडली बहनों से 50 हजार से अधिक है।