families of deceased are pleading for justice in fire incident in firecracker market of Mathura

Mathura: पटाखा बाजार में अग्निकांड मामला, ‘मुख्यमंत्री जी इन 10 मौतों को दे जाओ इंसाफ’
– फोटो : अमर उजाला

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तीर्थनगरी मथुरा के राया थाना क्षेत्र में पटाखा बाजार में दिवाली के दिन अग्निकांड हो गया। अग्निकांड में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। मगर, हैरानी इस बात की है कि इतना बड़ा हादसा होने के बाद भी इसमें एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई है। रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मथुरा आ रहे हैं। ऐसे में जिले की जनता और 10 मृतकों के परिजन इंसाफ की गुहार लगाते हुए उनकी ओर देख रहे हैं।

दरअसल, इस हादसे के पीछे लापरवाही को लेकर शुरुआत से प्रशासनिक व्यवस्थाओं में लापरवाही की बात सामने आ रही है। ऐसे में सवाल खड़ा हो गया है कि क्या लापरवाही को छुपाने के लिए ही अभी तक इस बड़ी घटना में मुकदमा दर्ज नहीं कराया गया है।

विधायक ने परिजन को बंधाया ढांढस

शनिवार को सत्ता पक्ष के विधायक ठाकुर मेघश्याम मृतक ख़ुशी के परिजन को सांत्वना देने पहुंचे। वहां उन्होंने घटना के लिए सीधे तौर पर सीओ और एसडीएम को जिम्मेदार ठहराया है। उनके इस बयान के बाद बवाल मच गया है। मगर, सवाल खड़े हो गए हैं कि आखिर वो कौन था, वो क्या कारण थे, किसकी लापरवाही थी, किसने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई जो मौत इस तरह का तांडव मचा रही है।

25-25 लाख मुआवजा दे सरकार

पूर्व मंत्री श्याम सुंदर शर्मा हादसे में मृतकों के परिजनों मिलने नौहझील पहुंचे। पूर्व मंत्री ने कहा कि सरकार जो मुआवजा दे रही है, वो बहुत कम है। प्रदेश सरकार से अग्निकांड में मृतकों के आश्रितों को 25-25 लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग उठाई। साथ ही घायलों को पांच-पांच लाख रुपए आर्थिक मदद दिलाने की मांग की है।

जांच में यह आया सामने

डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने इस मामले में सीओ महावन और एसडीएम मांट को जांच सौंपी थी। बाद में जांच एसपी देहात और एडीएम प्रशासन को दी गई। मगर, प्रथम दृष्टया जांच के बाद सीएफओ नरेंद्र कुमार सिंह अपनी रिपोर्ट सौंप चुके हैं। उनका कहना है कि पटाखा बाजार में देशी आतिशबाजी थी। बाजार के पास ही किसी ने आतिशबाजी दागी। इसका सुलगता हुआ कुछ हिस्सा देशी आतिशबाजी में लगा। 

यह भी बात सामने आई कि किसी ने वहां धूम्रपान किया था। हालांकि अभी इस मामले में कोई ठोस सबूत नहीं सामने आए हैं। सवाल यह भी खड़े हो गए हैं कि आखिर किसकी निगरानी में चूक हुई तो बाजार में देशी बारूद आ गया। क्यों जिम्मेदारों ने लापरवाही बरती और नाबालिगों को भी बिक्री करने से नहीं रोका। क्यों दुकानों को सजाने के लिए पर्दे का इस्तेमाल करने दिया गया। 



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