
पिपलियाहाना तालाब पर छठ पर्व मनाया गया।
– फोटो : amar ujala digital
विस्तार
सूर्य देव की उपासना के पर्व पर पूरी श्रद्धा और उल्लास के साथ इंदौर में मना। सूर्य को अघ्य देने के साथ छठ मईया से लोगों ने परिवार की बेहतरी के लिए मनोकामना की। अस्ताचलगामी सूर्य को जल और दूध कुंड में खड़े रहकर महिलाएं चढ़ाती नजर आई। छठ का व्रत रखने वाले परिवारों ने पूरी पवित्रता से घरों में भजन कीर्तन किए। अब सोमवार सुबह फिर उगते सूर्य को अर्घ्य देकर निर्जला व्रत का अनुष्ठान संपन्न होगा।
छठ पर्व पर महिलाएं 36 घंटे का कठोर तप करती है। नियमों का पालन किया जाता है, इसलिए छठ का व्रत कठिन माना जाता है। इस व्रत को महिलाएं संतान की लंबी आयु, पति के स्वस्थ जीवन और परिवार में समृद्धि के लिए करती है।
उपवास छोड़ते समय घर में तैयार किया गया प्रसाद ग्रहण किया जाता है। इंदौर में यह पर्व बाणगंगा, विजय नगर उद्यान, वृंदावन काॅलोनी, पिपलियाहाना तालाब पर मनाया जाता है। नगर निगम ने इन स्थलों के कुंडों की साफ सफाई दो दिन पहले ही कराई थी और कुंड में साफ जल भरवाया गया, ताकि वहां जाने वाले परिवार परेशान न हो। विजय नगर उद्यान में इंदौर में उत्तर प्रदेश और बिहार से आए परिवारों ने एकत्र होकर छठ माता की पूजा की।
पानी में खड़े रहकर सूर्य को अर्घ्य दिया गया और मनोकामना पूर्ण होने की मांग छठ माता से की गई। महिलाअेां के अलावा कुछ पुरुष भी अर्घ्य देते नजर आए। बाणेश्वरी कुंड पर भी हजारों लोग एकत्र हुए और कुंड में खड़े रहकर सूर्य की पूजा की।
आतिशबाजी भी की
पिपलियाहाना तालाब के किनारों को भगवा पताका से सजाया गया था। किनारे पर काफी भीड़ थी। कुछ युवक आतिशबाजी भी करते नजर आए। तय समय पर किनारे पर खड़े होकर महिलाएं सूर्य को दूध और जल का अर्घ्य देती नजर आई।