
ऑटो में जन्मी लाडली लक्ष्मी।
– फोटो : Amar Ujala
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मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने गर्भवती महिलाओं को प्रसव सुविधा में मदद देने के लिए 108 एंबुलेंस चलाई है, लेकिन शिवपुरी में 108 एंबुलेंस को कॉल करने के बाद भी एंबुलेंस प्रसूता को लेने के लिए नहीं पहुंची। बाद में प्रसूता के परिजन ऑटो किराए पर लिया गया और प्रसूता को लेकर जिला अस्पताल के लिए निकले। प्रसव पीड़ा अधिक होने से प्रसूता ने रास्ते में ही इस ऑटो में ही एक बच्ची को जन्म दे दिया। बाद में परिजन इसी ऑटो में ही नवजात बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंचे। प्रसूता और बच्ची स्वस्थ हैं। इन दोनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
एंबुलेंस नहीं आई तो 300 रुपये का ऑटो किया
जिले के तेंदुआ थाना क्षेत्र अंतर्गत सेंगुड़ा गांव की रहने वाली प्रसूता सुजाता जाटव पत्नी अर्जुन जाटव को रविवार को सुबह प्रसव पीड़ा हुई। इस प्रसव पीड़ा के बाद परिजनों द्वारा 108 एंबुलेंस को कॉल किया गया, जिससे प्रसूता को अस्पताल ले जाया जा सके, लेकिन 108 एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची। इसके बाद परिजनों के द्वारा 300 रुपये का एक ऑटो किराए पर किया गया और परिजन प्रसूता को लेकर जिला अस्पताल के लिए निकले, लेकिन रास्ते में टोंगरा गांव के पास में प्रसव पीड़ा तेज होने के बाद प्रसूता ने नवजात बच्ची को ऑटो में ही जन्म दे दिया। बाद में परिजन इन जच्चा-बच्चा को इस ऑटो के माध्यम से ही जिला अस्पताल पहुंचे। यहां पर जिला अस्पताल के स्टाफ को सूचना मिली तो गेट पर ही जच्चा बच्चा को लेने के लिए अस्पताल का स्टाफ पहुंच गया। बाद में जच्चा-बच्चा को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
स्वस्थ महकमे के दावों की खुल गई पोल
मप्र का स्वास्थ्य विभाग गर्भवती महिलाओं और प्रसूतों की मदद के लिए तमाम योजनाएं चलाने का दावा करता है। इसी क्रम में प्रसूता की मदद के लिए 108 एंबुलेंस सूचना देने के बाद भी समय पर नहीं पहुंची। मध्य प्रदेश में करोड़ों रुपए का बजट 108 एंबुलेंस चलाने के लिए दिया जाता है जिसमें गर्भवती प्रसूता को सुरक्षित प्रसव के लिए अस्पताल तक ले जाना एवं प्रसव के बाद घरों तक छोड़ने तक की व्यवस्था इस एंबुलेंस के माध्यम से की जाती है। इसमें करोड़ों रुपये का बजट स्वास्थ्य महकमे द्वारा संबंधित एजेंसी को दिया जाता है। अब देखना यह की इस लापरवाही को लेकर के स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी क्या कदम उठाते हैं।