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उत्तर प्रदेश के मथुरा में बच्चा सौदागर गिरोह से मिली बच्ची को खुद का बच्चा बताते हुए आगरा के दंपती हक जताया। वह शनिवार को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश हुआ। उन्होंने दावा किया कि बच्ची उनकी है। गिरोह के सदस्यों ने खुद पर कोई बच्ची न होने की बात कहते लालन, पालन का हवाला देते हुए बच्ची को बिना कोई रकम दिए गोद लिया था।

बाल कल्याण समिति अध्यक्ष राजेश दीक्षित ने बताया कि आगरा के बोदला निवासी सोनू कुशवाह व उनकी पत्नी भूरी शाक्य निवासीगण बोदला, आगरा पेश हुए। उन्होंने बताया कि बच्ची उनकी पुत्री है। वह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिचपुरी आगरा में 11 नवंबर को सुबह पैदा हुई थी। 

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आशा कार्यकर्ता विमलेश व अनीता ने रितु शर्मा एवं धर्मानंद महाराज से मिलवाया था। उन्होंने कहा था कि उनके कोई संतान नहीं है। इस पुत्री को पालना चाहते हैं। पहले से ही तीन पुत्रियां होने के कारण उनकी बातों में आ गए। आशा कार्यकर्ताओं के कहने पर बच्ची उन्हें दे दी।

राजेश दीक्षित ने बताया कि कोतवाली पुलिस द्वारा गिरफ्तार गैंग के सदस्यों की फोटो दिखाई तो उन्होंने उन्हें पहचान लिया। दंपती को कहा गया है कि वह बच्ची के संबंध में सभी दस्तावेज जैसे सरकारी अस्पताल से प्रसव संबंधी कागजात, खुद के पहचान संबंधी दस्तावेज पेश करें। 

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डीएनए परीक्षण का रास्ता भी खुला हुआ है। इस पर भी विचार किया जाएगा। इधर, शासन को इस गैंग की उच्चस्तरीय जांच के संबंध में पत्राचार किया जाएगा। फिलहाल स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता कि जो दंपती समिति के समक्ष पेश हुआ है, वह बच्ची के असली अभिभावक है या नहीं। 

जांच व डीएनए परीक्षण के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। इधर, दंपती द्वारा कहा गया है कि उन्होंने बच्ची को निशुल्क दिया था। मगर, गिरोह के सदस्यों द्वारा पूछताछ में यह कहा गया था कि उन्होंने 20 हजार रुपये देकर यह बच्ची खरीदी थी। यह सभी विषय विवेचना के हैं।



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