
दिव्यांग किशोरियों को भी कतार में लगकर करना पड़ा इंतजार।
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इस बार ज्यादातर बूथों पर धीमे मतदान से मतदाता हलाकान नजर आए। मतदान के पहले चार घंटों में ज्यादातर बूथों पर कतारें नजर आई। इसकी वजह धीमा मतदान था। लोग 15 से 20 मिनट तक कतार में लग कर अपनी बारी आने का इंतजार करते रहे। कुछ बूथों पर तो इतनी धीमा मतदान चला कि क्षेत्र के नेता अफसरों को फोन लगाकर इसकी शिकायत करते रहे। वृंदावन के एक बूथ पर आधे घंटे तक पुरुषों की कतार को बढ़ने नहीं दिया तो मतदाता नाराज हो गए। इसके बाद कांग्रेस नेता दीपू यादव अफसरों से चर्चा करने बूथ पर पहुंचे। रामबाग के बूथ पर भी नेताअेां ने मतदान धीमा होने की शिकायत की।
वोट डालने के पांच छह सेंकड के बाद बीप की आवाज
मतदान धीमा होने की एक वजह वोट डालने के बाद ईवीएम से बीप की आवाज देर से आना भी रही। वोट डालने पर 5-6 सेंकड के बाद मशीन में से आवाज आ रही थी। तब तक दूसरे मतदाता को इंतजार करना पड़ रहा था। सूची में नाम खोजकर मतदाता के हस्ताक्षर कराने में भी ज्यादा समय लगने के कारण केंद्रों पर कतार नजर आई। बढ़े हुए मतदाता की तुलना में मतदान केंद्र नहीं बढ़ने के कारण भी मतदान की प्रक्रिया धीमी रही। एक ही बूथ पर ज्यादा वोटर होने से भी परेशानी हुई।
समय समाप्त होने के बाद भी मतदान
मतदान धीमा होने के कारण कुछ बूथों पर शाम छह बजे के बाद भी कतार नजर आई। कलेक्टर इलैया राजा ने निर्देश दिए कि मतदाना समय समाप्त होने के पहले यदि मतदाता केंद्र पर आ जाएंगे तो वे छह बजे के बाद भी वोट डाल सकते है। गौतमपुरा बूथ पर शाम छह बजे के बाद मतदान होने के कारण विवाद की स्थिति भी बनी।
बूथ कम कर दिए
कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा का कहना है कि बूथ कम होने से मतदान की प्रक्रिया धीमी रही। कांग्रेस ने इसकी शिकायत भी की है। मतदाता को 20 से लेकर 30 मिनट तक मत डालने में समय लग रहा था। कई मतदाता कतार देखकर लौट गए। उधर भाजपा के सह मीडिया प्रभारी दीपक जैन टीनू का कहना है कि सुबह जरुर मतदान धीमा था, लेकिन दोपहर बाद तेजी आई। मतदाता में काफी उत्साह थाा।इस कारण कतारें देखी गई।