
उमेश पाल के चित्र के साथ पत्नी जया पाल।
– फोटो : अमर उजाला।
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नौ महीने पहले सरेराह गोली-बम से उड़ाए गए भाजपा नेता उमेश पाल के घर इस दिवाली सन्नाटा पसरा रहा। परिवार के हर सदस्य के कलेजे में दीपों के उल्लास की जगह घर के खेवनहार को गंवाने का गम सुलग रहा है। पत्नी जया पाल की आंखों से बहती आंसुओं की लोर अभी सूखी नहीं है। कमर थाम कर पोता-पोती के सहारे बेटे के लिए आहें भरतीं-कराहतीं मां शांति देवी निकट रहे अधिकांश लोगों से नाउम्मीद हो चुकी हैं। वजह यह कि त्योहार पर पड़ोसियों ने पूछा न ही पार्टी (भाजपा) नेताओं ने।
उमेश पाल के घर दिवाली इस बार दर्द के मंजर में गुम हो गई। वह भी एक समय था जब पार्टी वाले ही नहीं, शहर के तमाम लोग हफ्ते भर पहले से ही दिवाली की खुशियां बांटने घर आने लगते थे। आतिशबाजी, मिठाई और पकवानों की तो पूछिए ही मत, ऐसा उल्लास उमड़ता था कि खुशियों के उस फव्वारे में भीगने से शायद ही कोई बच पाया हो। लेकिन, मौत के बाद अब वही उमेश पाल का घर सूना पड़ गया है।