MP Election: Independent candidate Arya gets relief from High Court 307 case dismissed considering it fake

बाईं ओर प्रताप सिंह आर्य, दाईं ओर विधायक बहादुर सिंह चौहान
– फोटो : अमर उजाला

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उज्जैन जिले की महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में जिस तरह चुनावी माहौल चल रहा है और उसी के मद्देनजर आरोप प्रत्यारोप को लेकर राजनीति गरमा गई है। जहां भाजपा के विधायक ने अपनी सरकार को अंधेरे में रख प्रशासन का भरपूर उपयोग कर खुद की हार का डर देखते हुए अपनी ही पार्टी के जिला पंचायत सदस्य प्रताप सिंह आर्य पर झूठे मुकदमे लगवाकर जेल भिजवा दिया था। यहां तक की 307 के संगीन धारा में भी मुकदमा भी दर्ज करवा दिया। लेकिन भारत का संविधान और न्यायपालिका पर विश्वास जब आमजन का होता है तो फैसला भी ऐसा ही आता है।

बता दें कि हाल ही में प्रताप सिंह आर्य निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में महिदपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव में खड़े हुए हैं। उन पर जो बीते दिनों IPC की धारा 307 के तहत प्राणघातक हमले का मुकदमा दर्ज हुआ था। हाईकोर्ट अधिवक्ता अर्पित सिंह तोमर ने बताया कि हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने  धारा 307 का मुकदमा फर्जी मानते हुए खारिज कर दिया। इससे यह जाहिर होता है कि क्षेत्रीय विधायक बहादुर सिंह चौहान ने द्वेषतावश संगीन धाराओं में जो मुकदमे दर्ज कराए थे, उसे न्यायपालिका ने झूठा ठहराते हुए खारिज कर दिया। वहीं, बहादुर सिंह चौहान के दबाव में जिन अधिकारियों ने इस तरह की फर्जी मुकदमे दर्ज किये अब उन पर बहुत जल्द गाज गिर सकती है। बहरहाल अब देखना यह होगा कि क्या सत्ता के नशे में चूर बहादुरसिंह चौहान जिस तरह के हथकंडे अपना कर तानाशाह जैसा राज करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं, जनता ने भी कमर कस ली है। आने वाली 17 तारीख को किस तरह का सबक सिखाते हुए सत्ता के नशे में चूर बहादुरसिंह को उखाड़ फेंकेगी। यह तस्वीर बहुत जल्द साफ हो जाएगी।



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