
जानकारी देती रामदेवी
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हरदोई जिले में कमाऊ बेटे की सड़क हादसे में मौत के बाद दंपती ने मुआवजे की लड़ाई मिलकर शुरू की थी, लेकिन पति की मौत के बाद वृद्धा बेटे के हक की लड़ाई लड़ने लगी। 14 साल की कागजी लड़ाई के बाद आखिरकार बेटे की मौत का मुआवजा पाने में वृद्धा कामयाब हो गई।
इस दौरान लगभग 100 तारीखों पर सुनवाई, हुई तो फाइल को कलेजे से लगाकर महिला तारीख पर पहुंचती रही। श्रमिक क्षतिपूर्ति अधिनियम के मामले में डीएम ने बतौर श्रमिक क्षतिपूर्ति आयुक्त मृतक की मां को हादसे की तारीख से भुगतान की तारीख तक छह प्रतिशत ब्याज सहित क्षतिपूर्ति के भुगतान का आदेश कर दिया।
इसके बाद बीमा कंपनी ने ब्याज सहित क्षतिपूर्ति के रूप में कुल 4,16,167 रुपये का भुगतान कर दिया है। सदर तहसील क्षेत्र के जिगनिया कटरा निवासी विपिन कुमार एक ट्रक पर काम करता था। ट्रक मालिक उसे दो हजार रुपये मासिक और सौ रुपये रोज खाने के लिए देता था।