
इसी घर में किराए पर रहते थे सहारा श्री, दिवाली पर सजा घर मगंलवार तक चमक रहा था, मगर निधन की खबर से उदासी बिखर गई।
– फोटो : अमर उजाला।
विस्तार
सहारा श्री सुब्रत रॉय के जीवन की कहानी बेहद दिलचस्प है। शून्य से शिखर तक का सफर तय करने में उन्होंने काफी संघर्ष किया। कॅरिअर की शुरुआत गोरखपुर में नमकीन-स्नैक्स बेचने से की। अपनी लैंब्रेटा स्कूटर पर जया प्रोडक्ट के नाम से स्नैक्स बेचते। 1978 में गोरखपुर में एक छोटे से ऑफिस में सहारा समूह की नींव रखी।
रॉय के नेतृत्व में, सहारा ने कई व्यवसायों में विस्तार किया। रॉय का साम्राज्य फाइनेंस, रियल एस्टेट, मीडिया और हॉस्पिटैलिटी से लेकर अन्य सेक्टर्स में फैला। कामयाबी के शिखर पर पहुंचने के बाद भी कभी पुराना समय नहीं भूले। गोरखपुर में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने जीवन के तमाम अनुभव सार्वजनिक किए थे।
18 अप्रैल 2013 को गोरखपुर क्लब में आयोजित सम्मान समारोह में सुब्रत रॉय आए थे जिसमें बेबाकी से अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं को सबके सामने रखा था। बताया था कि गोरखपुर कर्मस्थली रही और यहां की गलियाें से वाकिफ हूं। पढ़ा-लिखा और कारोबार की शुरुआत यहीं से की। शहर के कनक हरि अग्रवाल बताते हैं कि उस कार्यक्रम में वह भी शामिल थे। सहारा श्री ने कहा था कि स्कूटर से घूमने और नॉन बैकिंग की शुरुआत यहीं से की।
यह भी पढ़ें- सहारा श्री सुब्रत रॉय: अरसे से चल रहे थे बीमार, अंतिम समय में न बेटे साथ थे न ही पत्नी, सभी विदेश में सेटल