
मप्र के चुनावों में अन्य दलों के दिग्गजों ने भी प्रचार किया।
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को साधने में तीसरे मोर्चे ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी तीनों के ही प्रमुख नेताओं ने मध्य प्रदेश में चुनाव की कमान संभाल रखी थी। इन तीनों ही दलों ने विंध्य, बुंदेलखंड और ग्वालियर चंबल की सीटों पर जोर लगाते हुए मतदाताओं को अपनी तरफ खींचने का भरपूर प्रयास किया। हालांकि ये राजनीतिक दल अपने मकसद में कितने कामयाब हुए ये तो 3 दिसंबर को आने वाला परिणाम ही बताएगा।
बीएसपी का निशाना
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने मध्यप्रदेश में लगभग 10 सभाएं करते हुए, बुंदेलखंड, विंध्य और ग्वालियर चंबल में पार्टी प्रत्याशियों के लिए वोट मांगे। 2018 के चुनाव परिणाम में बीएसपी को दो सीटों पर सफलता मिली थी। इस बार पार्टी को इससे अधिक सीटें जीतने की उम्मीद है। कई सीटों पर बीएसपी के उम्मीदवार बीजेपी-कांग्रेस को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
आप ने भी लगाया जोर
आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने सभाओं ने ज्यादा रोड शो पर फोकस किया। उनके साथ पंजाब के सीएम भगवंत मान भी चुनाव प्रचार में वोट मांगते नजर आए। आप को इस बार मध्य प्रदेश में खाता खुलने की उम्मीद है। आप ने सिंगरौली नगर निगम चुनाव में भी बेहतर प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल की था। ऐसे में आप की नजर सिंगरौली और चाचौड़ा पर है। चाचौड़ा में भाजपा से बागी ममता मीना को उम्मीदवार बनाया है।
अखिलेश डिंपल भी उतरे थे मैदान
समाजवादी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एमपी के कटनी, सतना, बहोरीबंद, सीधी, चित्रकूट, टीकमगढ़, दमोह, निवाड़ी, दोहर , चंदला, पन्ना, राजनगर, अजयगढ़ में चुनावी सभाएं की हैं। उनके अलावा पत्नी डिंपल और चाचा शिवपाल यादव ने भी कई सीटों पर प्रचार किया। हालांकि बुदनी में भीड़ न जुटने पर अखिलेश को बिना सभा करने लौटना पड़ा था। 2018 में पार्टी को एक सीट मिली थी।