
कैलाश विजयवर्गीय और संजय शुक्ला
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विस्तार
साल 1957 और 1962 में इंदौर-1 विधानसभा सीट से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और कांग्रेस के नेता बाबूलाल पाटोदी विजयी रहे थे। उन्होंने जनसंघ के वासुदेव राव और राजेंद्र धारकर को पराजित किया था। साल 1967 में इस सीट का चुनाव बहुत ही रोचक हो गया था।
कांग्रेस से बाबूलाल पाटोदी और सोशलिस्ट पार्टी से तेज तर्रार वक्ता आरिफ बेग मैदान में थे। चूंकि, बाबूलाल पाटोदी की नगर में मजबूत पकड़ थी और वे उस वक्त के कद्दावर नेता थे, पर आरिफ बेग की सभाओं में जनमानस की भीड़ और उन्हें सुनने लिए लगने वाली भीड़ ने पाटोदी की चिंता बढ़ा दी थी और हुआ भी वही जिसका भय था। चुनाव में बाबूलाल पाटोदी पराजित हो गए और आरिफ बेग विजयी हो गए थे।
सत्यनारायण सत्तन तीन बार हारे, रावल ने महेश जोशी का हराया
साल 1972 में कांग्रेस के महेश जोशी ने जनसंघ के राजेंद्र धारकर को पराजित किया था। 1977 की जनता लहर में जनता पार्टी के ओमप्रकाश रावल ने महेश जोशी को पराजित कर दिया था। 1980 में कांग्रेस के चंद्रशेखर व्यास ने भाजपा के सत्यनारायण सत्तन को हराया था। चंद्रशेखर व्यास की सड़क हादसे में निधन हो गया था। इसके बाद 1980 और 1985 में कांग्रेस के ललित जैन ने सत्यनारायण सत्तन को पराजित किया था। इस तरह सत्तन की लगातार पराजय की हैट्रिक लगी थी।
साल 1993 में मित्तल ने ललित जैन को हराया
1993 में भाजपा के लालचंद मित्तल ने ललित जैन को पराजित कर दिया था। इस तरह मित्तल ने कांग्रेस के विजय अभियान को विराम दे दिया था। 1998 में कांग्रेस के रामलाल यादव भल्लू पहलवान ने भाजपा के मित्तल को, 2003 में भाजपा की उषा ठाकुर ने कांग्रेस के रामलाल यादव पराजित किया था।
दो बार जीते सुदर्शन गुप्ता, पर 2018 में हारे
साल 2008 और 2013 में भाजपा के सुदर्शन गुप्ता ने संजय शुक्ला और निर्दलीय कमलेश खंडेलवाल को पराजित किया था। 2013 में बागी कमलेश मैदान में थे और कांग्रेस ने प्रदीप दीपू यादव को उम्मीदवार बनाया था। वे तीसरे स्थान पर रहे थे। इस तरह प्रथम चुनाव से 61 वर्ष बाद कांग्रेस की जय-पराजय में भूमिका न रहकर तीसरे स्थान पर रही थी। इसके बाद 2018 में कांग्रेस के संजय शुक्ला ने भाजपा के सुदर्शन गुप्ता को पराजित कर विजय हासिल की थी।
प्रतिष्ठा की लड़ाई में
इस बार भाजपा से इंदौर के पूर्व महापौर, पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री और वर्तमान में राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और कांग्रेस के मौजूदा विधायक संजय शुक्ला मैदान में हैं। दोनों को चुनावी लड़ाई का खासा अनुभव है। देखना है इस प्रतिष्ठा की लड़ाई में किसका मैनजमेंट भारी पड़ता है।
अनुभवी हैं कैलाश विजयवर्गीय
छात्र राजनीति से अपना करियर आरंभ करने वाले विजयवर्गीय सबसे पहले पार्षद, फिर महापौर और प्रदेश सरकार में मंत्री रहे हैं। उन्होंने पहला विधानसभा चुनाव इंदौर-4 से 1990 में लड़ा था। इसके बाद तीन बार क्षेत्र क्रमांक 2 से इसके बाद दो बार महू से चुनाव लड़े और विजयी रहे। इस तरह वे 6 विधानसभा चुनावों में विजयी रहे हैं। महापौर के चुनाव में सीधे मतदाताओं द्वारा चयनित वे पहले महापौर रहे हैं। बंगाल, हरियाणा और गुजरात चुनाव में भाजपा की जीत में वे अपनी प्रमुख भूमिका निभा चुके हैं।
क्यों रहता है चर्चा में इंदौर-1 क्षेत्र
1967 में आरिफ बेग की विजय और बाबूलाल पाटोदी की पराजय से चर्चा में रहा था। प्रसिद्ध कवि और स्थानीय भाजपा नेता सत्यनारायण सत्तन की पराजय की हैट्रिक रही। रामनारायण तिवारी और रतन पाटोदी भी इस क्षेत्र से अपना भाग्य आजमा चुके हैं, पर उन्हें निराशा ही हाथ लगी थी। निर्दलीय अजित जैन पटवा इस क्षेत्र से 1990 से 2013 तक लगातार छह चुनाव लड़े पर जमानत भी नहीं बचा पाए थे। प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता भारत भूषण को आज तक याद किया जाता है, परन्तु 1993 में अन्य नाम के भारत भूषण चुनाव में खड़े हो चुके हैं। इसी तरह 1993 ने नरेंद्र अलीजा स्वतंत्र मैदान में थे, जिनकी अदाओं और भाषणों को आज भी लोग याद करते हैं, घर की खिड़की में चुनावी भाषण दिया करते थे अलीजा। उन्हें सुनने के लिए घर के बाहर भीड़ का हुजूम रहता था।
इंदौर-1 विधानसभा क्षेत्र की रोचक जानकारी
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अभी तक हुए 14 विधानसभा चुनाव में 8 बार कांग्रेस, 1 बार सोशलिस्ट पार्टी और 5 बार भाजपा विजयी रही
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सर्वाधिक मतदान 2018 में और न्यूनतम मतदान वर्ष 1990 में हुआ था
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पहली महिला उम्मीदवार 1985 में सेवंती चंपालाल निर्दलीय मैदान में थीं
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शील कुमार निगम 1980 में मैदान में जनता पार्टी जेपी में खड़े हुए उन्हें 219 मत मिले थे
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सबसे कम उम्मीदवार 1967 में और सर्वाधिक 21 वर्ष 1993 में खड़े हुए थे
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सबसे बड़ी विजय सुदर्शन गुप्ता की 54,176 मतों से हुई थी
चुनाव वर्ष-मतदान प्रतिशत-विजयी प्रत्याशी-पार्टी-निकटतम प्रतिद्वंदी-पार्टी-मतों से विजय
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1957, 51.48, बाबूलाल पाटोदी, कांग्रेस, वासुदेव राव, जनसंघ, 10386
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1962, 68.69, बाबूलाल पाटोदी, कांग्रेस, राजेंद्र धारकर, जनसंघ, 6234
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1967, 66.47, आरिफ बेग, सपा, बाबूलाल पाटोदी, कांग्रेस, 1054
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1972, 65.52, महेश जोशी, कांग्रेस, राजेंद्र धारकर, जनसंघ, 10026
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1977, 61.52, ओमप्रकाश रावल, जपा, महेश जोशी, कांग्रेस, 3424
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1980, 55.89, चंद्रशेखर व्यास, कांग्रेस, सत्यनारायण सत्तन, भाजपा, 4084
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1985, 47.82, ललित जैन, कांग्रेस, सत्यनारायण सत्तन, भाजपा, 7860
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1990, 46.55, ललित जैन, कांग्रेस, सत्यनारायण सत्तन, भाजपा, 4128
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1993, 60.43, लालचंद मित्तल, भाजपा, ललित जैन, कांग्रेस, 8360
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1998, 54.44, रामलाल यादव, कांग्रेस, लालचंद मित्तल, भाजपा, 5440
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2003, 63.65, उषा ठाकुर, भाजपा, रामलाल यादव, कांग्रेस, 27490
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2008, 61.08, सुदर्शन गुप्ता, भाजपा, संजय शुक्ला, कांग्रेस, 8183
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2013, 64.93, सुदर्शन गुप्ता, भाजपा, कमलेश खंडेलवाल, निर्दलीय, 54176
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2018, 69.11, संजय शुक्ला, कांग्रेस, सुदर्शन गुप्ता, भाजपा, 8163