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कमलनाथ और शिवराज सिंह चौहान।
– फोटो : अमर उजाला, इंदौर

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मप्र में विधानसभा चुनाव के लिए दोनों ही प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशी स्थानीय मुद्दों से दूर नजर आए। मंगलवार को इंदौर में हुए पीएम नरेंद्र मोदी के रोड शो और इससे पहले प्रियंका के रोड शो और सभाओं में भी यह बात नजर आई। इंदौर और मालवा निमाड़ की अन्य सीटों पर जहां भी बड़े कार्य़क्रम हुए वहां पर नेताओं ने स्थानीय मुद्दों को छोड़ अन्य मुद्दों को प्राथमिकता पर रखा। यहां तक कि सनातन जैसे मुद्दों पर नेताओं के लगातार बयान आते रहे। वहीं आम आदमी पार्टी ने क्षेत्र में स्वास्थ्य और शिक्षा के मुद्दे पर फोकस किया। 

राम मंदिर और सनातन की चर्चा हर जगह

मालवा निमाड़ में हुई अधिकांश रैलियों और कार्यक्रमों में सनातन के मुद्दे पर भाजपा ने कांग्रेस को घेरा। राम मंदिर का निर्माण, धारा 370, सर्जिकल स्ट्राइक जैसी बातों को भी भाजपा नेताओं ने प्रमुखता से उठाया। भाजपा के स्थानीय नेताओं ने इन्हें पार्टी की प्रमुख उपलब्धियों के रूप में प्रमोट किया। 

धर्म पर कांग्रेस ने डैमेज कंट्रोल किया

वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस भी जगह जगह भगवान हनुमान के पाठ करती नजर आई और प्रियंका समेत कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने हर बार अपने भाषणों की शुरुआत भगवान के जयकारों से की। इंदौर के सत्यनारायण पटेल और संजय शुक्ला ने भगवानों की मूर्तियां बनवाने की घोषणा की और हर जगह खुद को भगवान राम का बेटा बताया। 

प्रचार के अंतिम दिन कांग्रेस आर्थिक योजनाओं पर केंद्रित हुई

प्रचार के अंतिम समय में कांग्रेस ने मालवा निमाड़ में हर जगह होर्डिंग और पोस्टर लगवाकर यह संदेश दिया कि वह हर परिवार को 15 हजार रुपए प्रतिमाह का लाभ देगी। इसमें कांग्रेस ने नारी सम्मान योजना, बिटिया रानी योजना, गैस सिलेंडर बचत आदि कई योजनाओं को जोड़ा। 

समय के साथ बदला कांग्रेस का प्रचार

चुनाव की शुरुआत में कांग्रेस ने मालवा निमाड़ में भ्रष्टाचार, महिला सुरक्षा और गुंडागर्दी जैसे विषयों पर होर्डिंग लगाए थे। धीरे धीरे कांग्रेस ने अपने प्रचार में इन मुद्दों को कम कर दिया और आर्थिक योजनाओं पर फोकस कर दिया। चुनाव प्रचार के अंतिम दिनों में पूरी तरह से आर्थिक योजनाओं पर ध्यान केंद्रित कर जनता को रिझाने का प्रयास किया। 

जाति आधारित जनगणना पर आक्रामक रही कांग्रेस

कांग्रेस प्रचार के दौरान जाति आधारित जनगणना पर भी आक्रामक रही। प्रियंका गांधी ने इंदौर और मालवा निमाड़ की सभाओं में हर जगह इस मुद्दे को उठाया और कहा कि कांग्रेस की सरकार आएगी तो जाति आधारित जनगणना की जाएगी। कांग्रेस का कहना है कि इससे हर वर्ग के लोगों के लिए नीतियों को तय करने में मदद मिलेगी। वहीं भाजपा नेता इस मुद्दे पर किसी भी तरह का बयान देने से बचते रहे। 

मालवा निमाड़ में जनता इन स्थानीय मुद्दों पर चाहती थी नेताओं की गारंटी 

1. इंदौर को छोड़कर आसपास की सभी सीटों पर रोजगार बड़ा मुद्दा है। गांव और छोटे शहरों से तेजी से बढ़ रहा पलायन चिंता का विषय बन रहा है। इस पर दोनों ही पार्टी और स्थानीय नेता कोई ठोस योजना लेकर नहीं आए। 

2. प्रशासनिक व्यवस्थाओं में सुधार सबसे बड़ा मुद्दा है जिस पर नेताओं ने कहीं भी बात नहीं की। पुलिस थानों में आम लोगों की सुनवाई में देरी, कलेक्टर कार्यालय, नगर निगम आदि विभागों में व्यवस्थाओं को सुधारने पर किसी का जोर नहीं रहा। 

3. सरकारी स्कूल और सरकारी अस्पतालों की डिमांड लगभग हर शहर और सीट पर की गई लेकिन इसके लिए भी स्थानीय नेताओं ने कोई बेहतर नीति नहीं बनाई। 

4. स्थानीय रोजगार एक बड़ा मुद्दा रहा जिसे व्यापारियों ने लगभग हर जगह उठाया। इस पर भी स्थानीय नेता कोई ठोस योजना नहीं रख सके। 

5. किसानों की लागत मूल्य निकलना, स्थानीय स्तर पर किसान को बेहतर दाम मिलना बड़ा मुद्दा था जिस पर नेता कोई बेहतर योजना नहीं दे सके। 



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