Unique faith seen in the worship of cow and Gauri in ujjain

गायों के पैरों तले खुद को रौंदवाने की परंपरा
– फोटो : अमर उजाला

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शहर से 75 किलामीटर दूर स्थित बड़नगर तहसील के ग्राम भिड़ावद में आज फिर अनूठी आस्था देखने को मिली। हर वर्ष की तरह आज भी दीपावली के दूसरे दिन गांव में सुबह गाय का पूजन किया गया। पूजन के बाद लोग जमीन पर लेटे और उनके ऊपर से गाये निकाली गई।

मान्यता है कि ऐसा करने से मन्नत पूरी होती है और जिन लोगों की मन्नत पूरी हो जाती है वे ही ऐसा करते है। परंपरा के पीछे लोगों का मानना है कि गाय में 33 करोड़ देवी देवताओं का वास रहता है और गाय के पैरों के नीचे आने से देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। दरअसल, आस्था के नाम पर यहाँ लोगों की जान के साथ खिलवाड़ भी किया जाता है। 

वर्षों पुरानी परंपरा का निर्वाह करना होता है

दीपावली पर्व के दूसरे दिन होने वाले इस आयोजन में जो लोग शामिल होते है, उन्हें वर्षों पुरानी परंपरा का निर्वाह करना होता है। परंपरा के अनुसार लोग पांच दिन तक उपवास करते है और दीपावली के एक दिन पहले गांव के माता मंदिर में रूककर रात गुजारते है और भजन कीर्तन करते है। दीपावली के दूसरे दिन पड़वा पर सुबह पूजन किया जाता है, उसके बाद ढोल बाजे के साथ गांव की परिक्रमा की जाती है। 



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