
समाजसेवी व शिक्षाविद कनक हरि अग्रहरि के साथ सुब्रत राय। (फाइल)
– फोटो : अमर उजाला।
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बात 18 अप्रैल 2013 की है। गोरखपुर क्लब में आयोजित सम्मान समारोह के मंच पर सुब्रत रॉय मौजूद थे। पास में ही व्यापारी श्रवण कुमार खेतान, पीके लाहिणी भी मौजूद थे। सुब्रत रॉय अपनी जीवनी बताकर मंच पर बैठे ही थे कि श्रवण खेतान …तुझमे रब दिखता… यारा मैं क्या करूं गाने लगे। इसके बाद सुब्रत रॉय खेतान के पास पहुंचे और बोले ऑटोग्राफ प्लीज। खुद के गोरखपुर में यह सम्मान आपने मुझे दिया, इसके लिए आपका शुक्रिया।
मंच पर ही मौजूद रहे कनक हरि अग्रवाल ने बताया कि इसके बाद कई बातें हुई। उन्होंने मेरे स्कूल के बारे में जानकारी ली और बच्चों के साथ फोटो भी बनवाई। सुब्रत रॉय जब भी गोरखपुर आए खेतान जी से जरूर मिले थे। खेतान जी के निधन पर उन्होंने शोक संदेश भेजा था।
कनक बताते हैं, मंच पर एक बार भी ऐसा नहीं लगा कि वह किसी ऐसे बड़े उद्योगपति के साथ हैं, जिनसे मिलने के लिए लोग लाइन लगाते हैं। बहुत सरल स्वभाव के सुब्रत रॉय से मंच पर जब एक सवाल पूछा गया कि हम लोग आपसे कैसे मिल सकते हैं तो मुस्कुरा कर एक ही जवाब दिया, सिर्फ यह बता देना कि गोरखपुर से आए हैं। सारे प्रोटोकॉल अपने आप खत्म हो जाएंगे। गोरखपुर मेरे हृदय में बसता है और इसके लिए किसी भी हद पर जा सकता हूं।