Foreign devotees participated in Govardhan Puja in ISKCON temple in bhopal

इस्कॉन मंदिर में गोवर्धन पूजा अन्नकूट
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी पटेल नगर भोपाल स्थित इस्कॉन, श्री राधा गोपीनाथ मंदिर में  गोवर्धन पूजा एवं अन्नकूट महोत्सव का भव्य आयोजन हुआ। इसके लिए गौमाता के गोबर से गिरिराज गोवर्धन की विशाल प्रतिकृति तैयार की गई। गोवर्धन को सुंदर सुगंधित पुष्पों से सजाया गया। राधाकुंड, श्याम कुंड, उद्धव कुंड, गोविंद कुंड, कुसुम सरोवर, मानसी गंगा, मुखारविंद और गोपाल मंदिर जैसी सभी लीला स्थली गोवर्धन में विद्यमान की गई। इस्कॉन भक्तों के की ओर से विशाल अन्नकूट तैयार किया गया। जिसमें भारी मात्रा में सुगंधित चावल, हलवा, पूड़ी, विभिन्न प्रकार की सब्जी, मिठाई, नमकीन और अनेकों व्यंजन शामिल थीं, जिसको गिरिराज गोवर्धन को भोग लगाया गया।

ऐसे शुरू हुआ कार्यक्रम 

कार्यक्रम शुरुवात गौ पूजा से हुई। सनातन वैदिक परंपरा में गाय को माता माना जाता है और हर तरह से इसकी रक्षा और देखभाल की जानी चाहिए। तत्पश्चात इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष श्रीमान अच्युत कृष्ण दास ने गोवर्धन पूजा पर व्याख्यान दिया गया। उन्होंने बताया, कैसे भगवान श्रीकृष्ण ने मात्र 7 वर्ष की आयु में, विशालकाय गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर 7 दिन और 7 रात तक धारण करके, वृंदावन वासियों को देवराज इंद्र के प्रकोप से बचाकर आश्रय दिया था। यह अद्भुत लीला भगवान श्रीकृष्ण की सर्वोच्चता का वर्णन करती है। भगवान कृष्ण सर्वशक्तिमान हैं।

महामुनि परासर ने श्रीभगवान की व्याख्या को ऐसे परिभाषित किया, जो छह ऐश्वर्यों से परिपूर्ण हों, अर्थात, जिसके पास  संपूर्ण शक्ति, प्रसिद्धि, बुद्धि, धन, सौंदर्य और वैराग्य है। जब 5000 वर्ष पहले श्रीकृष्ण इस धरातल पर लीला कर रह थे, तो उन्होंने अपने लीलाओं के माध्यम से अपने छह ऐश्वर्यों का पूर्ण रूपेण प्रदर्शन किया था।कक्षा के उपरांत गिरिराज गोवर्धन की आरती हुई। हरे कृष्ण और हरे राम के मधुर ध्वनि से गगनभेदी संकीर्तन  हुआ। भगवान श्रीकृष्ण के निर्देशानुसार सभी भक्तों ने गोवर्धन परिक्रमा की। इस्कॉन मंदिर में लगभग 2000 भक्तों का आगमन हुआ था और सभी भक्तों ने अंत में प्रसन्नता के साथ महाप्रसाद का सेवन किया और कृतार्थ हुए।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *