
तीन नंबर विधानसभा में मुकाबला बराबरी का।
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इंदौर के तीन नंबर विधानसभा क्षेत्र में मुद्दे गायब है और चुनाव चेहरे पर जा टिका है। कोई लहर नजर नहीं आ रही। मतदाता भी दोनो उम्मीदवारों को दल, व्यक्तगित छवि और काम करने की क्षमता के हिसाब से तौल कर देख रहे है। भाजपा उम्मीदवार गोलू शुक्ला का टिकट भाजपा की अंतिम सूची में फायनल हुआ।
उन्हें चुनाव में निश्चित रुप से कम मिला। चुनाव में वोटों के ध्रुवीकरण के लिए उन्हें सबसे बेहतर हिन्दूत्व कार्ड ही लगा। गोलू हर साल सावन में कावड़ यात्रा निकालते है। यात्रा के फोटो एलबम से निकल कर होर्डिंगों पर आ चुके है और गोलू सनातनी भाई, भोले का भक्त की इमेज के साथ जनता के बीच जा रहे है।
शहर के पांच विधानसभा क्षेत्रों में सबसे कम वोटर तीन नंबर विधानसभा में है। पौने दो लाख मतदाताअेां वाली इस विधानसभा में जातिगत समीकरण भी मायने रखते है। कांग्रेस प्रत्याशी पिंटू जोशी समाजों को साधने में जुटे है। कांग्रेस अपनी सबसे बड़ी ताकत 25 हजार से ज्यादा मुस्लिम वोटरों को मान रही है। रानीपुरा, तोड़ा, कबूतरखाना, जवाहर मार्ग, चंपा बाग जैसे इलाके हमेशा कांग्रेस के लिए मददगार सबित हुए है। इसके अलावा ब्राम्हण वोटरों से भी पिंटू को उम्मीद है,क्योकि वे खुद ब्राम्हण समाज से है। उधर गोलू को महाराष्ट्रीयन समाज के वोटबैंक पर भरोसा है। रामबाग, जती काॅलोनी, नारायण बाग, शिवाजी नगर, जीवन की फेल के मराठीभाषी वोटर निर्णायक भूमिका में रहते है। इस वोटबैंक में पैठ बनाने के लिए गोलू महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस की सभा भी करा चुके है।
पार्किंग, जलजमाव, गंदा पानी है मुद्दा
तीन नंबर विधानसभा का ज्यादातर हिस्सा व्यापारिक क्षेत्र है। पार्किंग की कमी सबसे बड़ा मुद्दा है। नंदलालपुरा निवासी शिवम दगड़खेड़ कहते है कि गंदे पानी की समस्या हमेशा बरकरार रहती है। गर्मी में पानी कम भी अाता है। बारिश के समय नदी से जुड़े क्षेत्रों में जलजमाव हो जाता है। कोयला बाखल निवासी राहुल साठे का कहना है कि राजवाड़ा अौर आसपास के हिस्से को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल किया गया था तो लगा था कि चौड़ी सड़कें,बेहतर पार्किंग मिलेगी, लेकिन एक दो सड़कें ही चौड़ी हो पाई।
कांग्रेस प्रत्याशी पिंटू जोशी
प्लस पाइंट
-पांच साल से क्षेत्र में सक्रिय, कई सामाजिक आयोजन कराए।
-कांग्रेस के परंपरागत मुस्लिम वोटबैंक में पैठ।
-पिता महेश जोशी और चचेरे भाई अश्विन जोशी की टीम भी मददगार।
मायनस पाइंट
-10 साल पहले परिसीमन में जुड़े इलाके बिगाड़ रहे दो साल से समीकरण।
-भाजपा का परंपरागत वोटबैंक और पिछले विधायक के कार्यकाल में हुए कामों का भाजपा को फायदा।
-पहली बार लड़ रहे चुनाव, चुनावी मैनेजमेंट का अनुभव नहीं।
भाजपा प्रत्याशी गोलू शुक्ला
प्लस पाइंट
– रामबाग और अग्रवाल नगर, अग्रसेन नगर जैसे इलाकों में भाजपा का परंपरागत वोटबैंक।
– आकाश विजयवर्गीय के समय हुए कामों का फायदा भी मिलेगा।
-भाजपा सरकार की योजनाएं और भाजपा पार्षदों के काम भी मददगार
मायनस पाइंट
– चुनाव लड़ने के लिए कम समय मिला। स्थानीय नेता निभा रहे मुंह दिखाई की रस्म।
-मुस्लिम अल्पसंख्यक क्षेत्रों में कांग्रेस का परंपरागत वोटबैंक देने नुकसान ।
– भाषण देने में कमजोर, चुनाव मैनेजमेंट भी बिखरा हुआ है।