
सार्थक
– फोटो : अमर उजाला, इंदौर
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indore news: इंदौर में बारूद की वजह से तीन साल के एक बच्चे की जान चली गई। घटना लसूड़िया इलाके की है। बच्चा नाना नानी के घर आया था। वह घर के बाहर खेल रहा था तभी उसके छोटे नाना ने कचरा जलाया। कचरे में बारूद भी था। कचरा जलने के बाद बच्चा खेलते हुए वहां पहुंच गया और बारूद में धमाका होने की वजह से वह भी झुलस गया। उसे उपचार के लिए तुरंत एमवाय अस्पताल ले गए जहां शनिवार को उसने दम तोड़ दिया।
लसूड़िया पुलिस ने बताया कि तीन वर्षीय सार्थक माखीजा का एरोड्रम स्थित अशोक नगर में घर है। पिता नीरज ने पुलिस को बयान में बताया कि वह अपने नाना-नानी के यहां सैटेलाइट जंक्शन गया हुआ था। यहां सफाई के बाद छोटे नाना ने घर के सामने पड़े कचरे में आग लगा दी। बच्चा खेलते हुए आग के पास पहुंचा। जिसमें बारूद भी था। इससे अचानक धमाका हुआ और बच्चा झुलस गया। घटना 20 अक्टूबर को हुई थी। उसे तुरंत एमवाय अस्पताल में भर्ती किया गया लेकिन बचाया नहीं जा सका।
घर में ही बनते थे पटाखे
घटना का कारण यह रहा कि जहां पर सार्थक रुका था वहीं पर पटाखे बनते थे। परिवार के सदस्यों ने बताया कि सार्थक के नाना के साड़ू भाई का बेटा इसी मकान में पटाखे बनाता था। हालांकि कुछ दिन पहले उसने कमरा खाली कर दिया था लेकिन दीपावली की सफाई में उसके कमरे से कचरा निकला था। इसमें बारूद भी थी। साफ सफाई में निकला कचरा सामने प्लाट पर जला दिया गया। उस वक्त सार्थक अपने नाना के साथ बाहर ही खेल रहा था और अचानक धमाका हो गया। इससे वह बुरी तरह से झुलस गया।
माता-पिता का इकलौता बेटा
सार्थक अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसके पिता नीरज ग्राफिक्स का काम करते हैं। पिछले दो माह से पारिवारिक विवाद चल रहा था। इस वजह से पिता ने बेटे और पत्नी को मायके में छोड़ दिया था। दिसंबर में सार्थक का बर्थडे आने वाला था।