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– फोटो : अमर उजाला, इंदौर
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दीपावली पर इंदौर में सुतली बम से हुए धमाके की वजह से एक लड़के की जान चली गई। वह लोहे की बनी तोप में बम जला रहा था। बम फूटने पर धमाका इतनी जोर से हुए कि वह दूर जा गिरा। बाद में उसे अस्पताल ले गए जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। लड़के की उम्र 15 साल है और वह अपनी चार बहनों में इकलौता भाई था। वह जिस तोप में बम जला रहा था वह पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
घटना एरोड्रम इलाके में रविवार रात की है। 15 साल के गजेंद्र सोलंकी ने लोहे की तोप में सुतली बम जलाया और धमाके के बाद हादसे का शिकार हो गया। परिवार के लोगों ने गजेंद्र को होश में लाने की कोशिश की। जब उसे होश नहीं आया तो परिजन उसे लेकर नजदीकी अस्पताल पहुंचे। वहां से डॉक्टरों ने एमवाय अस्पताल भेजा। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
प्रतिबंधित तोप चला रहा था गजेंद्र
गजेंद्र जो तोप चला रहा था वह पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इसके बावजूद कई बच्चे और युवा इसका उपयोग करते हैं। यह तोप लोहे के पाइप से बनाई जाती है। पाइप के नीचे स्टैंड को गन जैसा बनाया जाता है। इसके आगे की तरफ बम रखकर फोड़ते हैं। परिवार के लोगों ने बताया कि गजेंद्र के पिता कारपेंटर हैं। गजेंद्र नौंवी क्लास का स्टूडेंट था और चार बहनों में इकलौता भाई था।
पोस्टमार्टम के लिए मना कर रहे थे परिजन
पुलिस के मुताबिक शव को रविवार रात एमवाय अस्पताल की मर्चुरी में रखवाया गया है। परिजन पोस्टमॉर्टम कराने से मना कर रहे थे। डॉक्टरों ने समझाया कि ऐसे हादसों के बाद पीएम जरूरी है। इसके बाद वे राजी हुआ।
प्रतिबंधित तोप कैसे मिली
जो तोप गजेंद्र चला रहा था वह प्रतिबंधित है। इसके बावजूद इस तरह की तोप बच्चों के हाथों में अक्सर दिख जाती है। पुलिस, प्रशासन की चौकसी और दावों के बीच यह सवाल उठता है कि इस तरह की तोप कहां पर तैयार होती हैं और वह बच्चों तक कैसे पहुंच जाती हैं।