
दीवाली प्रभात में ज्ञानेश्वरी ने गायन प्रस्तुत किया।
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सानंद न्यास के फुलोरा उपक्रम के तहत दिवाली की सुबह साढे सात बजे सजी गीत संगीत की सुमधुर महफिल यादगार रही । इस वर्ष के सानंद दिवाळी प्रभात में बालच गायिका ज्ञानेश्वरी गाडगे का गायन कार्यक्रम हुआ। इतनी कम उम्र की कलाकार का ऐसा अद्भुत गायन इंदौरी श्रोताओं ने संभवतः पहली बार ही सुना है।
दीपावली की सुबह ज्ञानेश्वरी ने अपने सुरों से जगमगा दी। ज्ञानेश्वरी ने पंडित भीमसेन जोशी, मन्ना डे,महेश काले, किशोरी अमोणकर, जितेंद्र अभिषेकी,अजय अतुल, राहुल देशपांडे,शंकर महादेवन, आरती अंकलीकर की अजर अमर रचनाएं और भक्ति संगीत सुनाया।
खास बात यह कि उन्होंने इसमें अपनी ओर से कई मौलिक प्रयोग भी किए। उन्होंने फिल्म स्वर्ण सुंदरी का लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी का गया कुहू कुहू बोले कोयलिया जब गया तो गीत की समाप्ति पर पूरा हॉल खड़े होकर देर तक तालियां बजाता रहा। महाराष्ट्र की सूत्र संचालक साहित्यकार मंगला खाडीलकर ने संचालन में कई रोचक जानकारियां साझा की। । मंगला देश के अनेक महान कलाकारों के साथ कार्यक्रम दे चुकी हैं। इनमें भारत रत्न पंडित भीमसेन जोशी लता मंगेशकर आशा भोसले, हृदय नाथ मंगेशकर जैसे कलाकार शामिल हैं।
कार्यक्रम का उद्घाटन उद्योगपती अनिल जोशी ने दीप प्रज्जवलित कर किया। कार्यक्रम का सूत्र संचालन सानंद मित्र कु. कृतिका मुले एवं अर्पित बापट ने किया । उपस्थित अतिथि एवं कलाकारों का स्वागत सुधाकर काळे, श्रीनिवास कुटुंबळे, डाॅ. माया इंगळे, स्मिता देशमुख, सुचित्रा हरमळकर ने किया। आभार जयंत भिसे ने माना। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी वेषभूषा प्रतियोगिता का आयोजन किया। आकर्षक वेषभूषा पहनकर आए दर्शक पुरस्कृत भी हुए।