roads could not become pothole free in Bareilly till Diwali

गांधी नगर फेस 2 में बदहाल पड़ी सड़क हुआ जलभराव
– फोटो : अमर उजाला

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दिवाली से पहले सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का मुख्यमंत्री का आदेश बरेली में असरदार नहीं रहा। दिवाली बीत गई, लेकिन कुछेक सड़कों को छोड़ दीजिए तो अधिकांश में गड्ढे जस के तस हैं। शहर से लेकर जिले के गांवों तक गड्ढा मुक्ति अभियान की हवा निकली हुई है। समीक्षा बैठकों में किए गए जिम्मेदार विभागों के अफसरों के वायदे पूरे नहीं हो सके।

सड़कें सुधारने के लिए मुख्यमंत्री ने 11 सितंबर को निर्देश दिए थे। इसके बाद जिले में लोक निर्माण, नगर विकास व ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अफसरों ने सड़कों के गड्ढे गिनवाए थे। अभियंताओं से एस्टीमेट तैयार कराए गए, लेकिन शहर व जिले की 500 से अधिक सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे हैं। लोक निर्माण विभाग की 184 सड़कें तो ऐसी हैं, जिनमें एक भी गड्ढा नहीं भरा गया। गन्ना विभाग की 100 से अधिक सड़कें यातायात के लायक नहीं हैं। लोगों को त्योहार पर खतरे भरा सफर करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

ये है जमीनी हकीकत

1- चार वर्ष में चार बार एस्टीमेट बने, सड़क एक बार भी नहीं बनी

धौरा से तजुआ तक की 2.5 किलोमीटर लंबी सड़क वर्ष 2019 से टूटी पड़ी है। चार बार एस्टीमेट बने। मंजूरी के लिए मुख्य अभियंता तक प्रस्ताव भेजे गए लेकिन एक बार भी निर्माण नहीं किया गया। न गड्ढे भरे गए। इस मार्ग पर कई राइस मिल हैं। दस हजार से अधिक लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है।



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