
आतिशबाजी।
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दीपों का त्योहार दीपावली हर्षोल्लास से भरी रहे, इसके लिए पटाखों के प्रयोग से बचना जरूरी है। लेकिन आतिशबाजी से आसमान चकाचौंध करने का मन है तो सावधानी बरतें। ताकि खुशियों के इस त्योहार पर कोई खलल न पड़े।
बरेली के तीन सौ बेड अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. पवन कपाही के मुताबिक पटाखों से चोट लगने पर पलकें खुद ही बंद हो जाती हैं। इन्हें थोड़ी देर तक बंद ही रहने दें। जलन, दर्द और छटपटाहट होने पर घबराएं नहीं। दर्द से राहत के लिए दर्द निवारक दवाएं ले सकते हैं। आंखों को धोएं नहीं।
हालत गंभीर है तो डॉक्टर से संपर्क करें। बगैर परामर्श आंख में कोई भी दवा न डालें। कहा कि पटाखों से गंभीर तौर पर शरीर का कोई अंग अगर झुलसा है तो इसे घरेलू इलाज से सही करने का प्रयास न करें। डॉक्टर को दिखाएं। क्योंकि इस घाव में इंफेक्शन तेजी से फैलता है।