
निमाड़ में दोनो दलों का फोकस।
– फोटो : amar ujala digital
विस्तार
विधानसभा चुनाव के मतदान में छह दिन शेष है। प्रचार के अंतिम दौर में दोनो दलों ने निमाड़ की 28 सीटों पर फोकस कर लिया है। इन 28 सीटों में से 21 सीटे पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज कराई थी। कांग्रेस नेता चाहते है कि इस बार भी इन सीटों पर कांग्रेस का कब्जा बरकार रहे। इसलिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी शुक्रवार को निमाड़ की राजपुर सीट पर प्रचार करने पहुंचे और अेाबीसी का मुद्दा उठाया।
भाजपा और कांग्रेस जानती है कि मध्य प्रदेश की सत्ता की रास्ता मालवा निमाड़ से होकर जाता है। पिछले चुनाव में कांग्रेस का मालवा की तुलना में निमाड़ में बेहतर प्रदर्शन रहा था। निमाड़ की 21 पर कांग्रेस के उम्मीदवार जीते थे और दो पर कांग्रेस के बागी चुनाव जीते। बाद में उन्होंने कांग्रेस को ही समर्थन दिया।कांग्रेस निमाड़ की खंडवा, खरगोन, धार और झाबुआ जिले को अपना वोटबैंक मान रही है।
इन चार जिलों में एससी और एसटी की ज्यादातर सीटें है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शनिवार को निमा़ की मनावर, गंधवानी, बदनावर सीट पर चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे। भाजपा को उम्मीद है कि इस बार धार और खरगोन जिले में भाजपा का पिछले चुनाव की तुलना में अच्छा प्रदर्शन रहेगा। खरगोन जिले की एक भी सीट पिछले विधानसभा में भाजपा जीत नहीं पाई थी।
कांग्रेस को मालवा से उम्मीद
मालवा बेल्ट मेें कुल 38 सीटें है। मालवा में 38 में से कांग्रेस ने 13 सीट जीती थी और बाद में उपचुनाव में भी एक सीट कांग्रेस की बढ़ गई थी। इस तरह 38 में से 14 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है,जबकि भाजपा के कब्जेे में 24 सीटें है।इस पर कांग्रेस को उम्मीद है कि भाजपा के विधायकों के खिलाफ एंटी इकमबेंसी फेक्टर रहेगा। उसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा, हालांकि मालवा और निमाड़ में पिछला चुनाव जीते जिन विधायकों को कांग्रेस ने फिर उम्मीदवार बनाया है, उन्हें भी इस फेक्टर का सामना करना पड़ रहा है।