
महेश्वर में चर्चा के दौरान नागरिक और जनप्रतिनिधि।
– फोटो : अमर उजाला, इंदौर
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इंदौर से 85 किमी दूर स्थित महेश्वर Maheshwar में इन दिनों मेडिकल कॉलेज का मुद्दा हर किसी के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है। यही वह मुद्दा है जिसकी वजह से तय होगा कि महेश्वर में कौन विधायक बनेगा। विधानसभा चुनाव के लिए यहां पर भाजपा ने राजकुमार मेव को प्रत्याशी बनाया है और कांग्रेस ने विजयलक्ष्मी साधौ को टिकट दिया है। वर्तमान में भी यहां पर विजयलक्ष्मी साधौ ही विधायक हैं। अमर उजाला ने जब चुनावों की तैयारियों पर महेश्वर का दौरा किया तो पता चला कि हर किसी के मुंह पर मेडिकल कॉलेज की ही बात है। पूछते ही हर नागरिक तपाक से बोल पड़ता है कि जो मेडिकल कॉलेज बनाएगा वही विधायक बन पाएगा।
क्या है मेडिकल कॉलेज का मुद्दा
मप्र में कांग्रेस सरकार के दौरान खरगोन जिले के महेश्वर में मेडिकल कॉलेज स्वीकृत हुआ था। वहां की विधायक विजयलक्ष्मी साधो का कहना है कि उन्होंने अपने दम पर इसे स्वीकृत कराया था। साधौ का कहना है कि 18 महीने की कांग्रेस सरकार के दौरान ही इसे स्वीकृति मिली। कांग्रेस सरकार इसे बनाने वाली थी लेकिन सरकार बदल गई मप्र की भाजपा सरकार ने इसका मामला उलझा दिया। साल 2021 में खरगोन में मेडिकल कॉलेज बनाए जाने की मांग हुई और इसके लिए एक संघर्ष समिति का गठन हुआ। शिवराज सिंह चौहान ने सियासी दांव खेलते हुए आचार संहिता के पहले खरगोन में ही मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा कर दी और टेमला रोड पर इसके बाउंड्री वाल का भूमि पूजन भी कर दिया। अब कांग्रेस ने अपने हाल ही में जारी वचन पत्र के बिंदु क्रमांक 28 में लिखा है कि सरकार बनने पर महेश्वर में ही मेडिकल कॉलेज बनाया जाएगा। कांग्रेसियों का कहना है कि मेडिकल कॉलेज बन जाता लेकिन इसे भाजपा ने रुकवाया। वहीं भाजपा समर्थकों का कहना है कि गलत तरीके से महेश्वर में मेडिकल कॉलेज बनाया जा रहा था नियम अनुसार इसे खरगोन में ही बनना चाहिए। अब इस मामले पर जनता का रुख स्पष्ट है कि जो भी महेश्वर में मेडिकल कॉलेज बनाएगा उसे ही वोट दिया जाएगा।
रोजगार नहीं मिलने से बढ़ रहा पलायन
महेश्वर के युवाओं का कहना है कि उद्योग के नाम पर इस क्षेत्र में कुछ भी नहीं है। इंदौर के इतने पास होने के बावजूद यहां पर उद्योगों को लाने के प्रयास नहीं किए गए। इस वजह से यहां पर पलायन तेजी से बढ़ रहा है। युवाओं का कहना है कि हर बार चुनाव से पहले नेता यहां पर उद्योग लाने की बात करते हैं लेकिन फिर पांच साल इस विषय में बात तक नहीं होती।
मतदाता
कुल मतदाता | 220739 |
पुरुष | 111439 |
महिला | 109299 |
अन्य | 1 |
केवट समाज की परेशानियां भी बदलेंगी हवा का रुख
महेश्वर को सुंदर घाटों और नर्मदा की वजह से जाना जाता है। यहां पर केवट समाज भी बढ़ी संख्या में रहता है। पिछली बारिश में आई भीषण बाढ़ ने यहां पर तबाही मचा दी थी और कई लोगों के घर तक पूरी तरह से बर्बाद हो गए थे। नर्मदा के तटों पर गंदगी बनी हुई है और पर्यटकों को कपड़े बदलने के लिए चेंजिंग रूम, धूप से बचने के लिए शेड जैसी बुनियादी सुविधाएं भी यहां पर नहीं हैं। नर्मदा और आसपास के तटों को बेहतर बनाने की बातें नेताओं के चुनावी एजेंडे से बाहर हैं। क्षेत्र की जनता इन विषयों पर भी भड़की हुई है और देख रही है कि कौन सा नेता इस विषय पर गंभीर है।
कौन कब जीता
चुनाव वर्ष | विजेता प्रत्याशी | निकटतम प्रतिद्वंद्वी | जीत का अंतर |
2008 | विजयलक्ष्मी साधौ (कांग्रेस) | राजकुमार मेव (भाजपा) | 673 |
2013 | राजकुमार मेव (भाजपा) | सुनील खांडे (कांग्रेस) | 4727 |
2018 | विजयलक्ष्मी साधौ (कांग्रेस) | राजकुमार मेव (निर्दलीय) | 35836 |