Vinod B Lal's bail plea rejected, three professors including Ajay Lawrence also did not get relief

विनोद बी लाल। फाइल फोटो
– फोटो : अमर उजाला।

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इलाहाबाद सत्र न्यायालय ने शुआट्स के पूर्व निदेशक प्रशासन डॉ. विनोद बी लाल की जमानत और प्रोफेसर डॉ. अजय लॉरेंस समेत तीन प्रोफेसरों की अग्रिम जमानत खारिज कर दी है। इनके विरुद्ध नैनी थाने में हत्या का प्रयास, कूटरचना और आपराधिक षडयंत्र के आरोप एफआईआर दर्ज है।

यह आदेश अपर सत्र न्यायाधीश अंजनी कुमार की अदालत ने शुआट्स के डॉ. विनोद बी लाल की जमानत और प्रोफेसर डॉ. जोनाथन लाल, डॉ एसबी लाल और डॉ. अजय लॉरेंस की ओर से दाखिल अग्रिम जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है। मामला नैनी थाने का है। 20 जून की रात पुराने नैनी पुल के पास मोटरसाइकिल सवार चार हथियारबंद लोगों ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर्वेन्दु विक्रम सिंह पर हमला किया था।

उन्होंने लाल परिवार एवं अजय लॉरेंस के विरुद्ध हत्या का प्रयास, कूटरचना और आपराधिक षडयंत्र के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई थी। यह भी आरोप लगाया कि हमलावरों ने उनके द्वारा आरोपियों के खिलाफ फतेहपुर जिले में धर्मांतरण मामले में लिखाए गए मुकदमे को वापस लेने की धमकी दी थी। मामले में विनोद बी लाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर दो अक्टूबर को जेल भेज दिया था। जबकि, प्रोफेसर डॉ. जोनाथन लाल, डॉ एसबी लाल और डॉ अजय लॉरेंस अभी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं, उन्हाेंने गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी।

याचियों के अधिवक्ता का कहना था कि इन्हें राजनीतिक विद्वेष से झूठा फंसाया गया है। जबकि, अभियोजन की ओर पेश अपर शासकीय अधिवक्ता फौजदारी ने जमानत अर्जी का विरोध किया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने विनोद बी लाल की जमानत अर्जी और प्रोफेसर डॉ जोनाथन लाल, डॉ एसबी लाल और डॉ अजय लॉरेंस की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।



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