
गिरफ्तार वजीउल्लाह।
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आईएस के पुणे माड्यूल से जुड़े तीसरे सदस्य वजीहुद्दीन को भी एटीएस ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से गिरफ्तार कर लिया। एटीएस ने बीती तीन नवंबर को अलीगढ़ से आईएस के पुणे माड्यूल के सदस्य संदिग्ध आतंकी अब्दुल्ला अर्सलान और माज बिन तारिक को पकड़ा था, जिसके बाद उसे तीसरी सफलता मिली है। उसे ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया जा रहा है, जहां अदालत में पेश करने के बाद पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी।
एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल ने बताया कि बीती तीन नवंबर को एटीएस थाने में पुणे माड्यूल के सक्रिय आतंकी झारखंड निवासी शाहनवाज और दिल्ली निवासी रिजवान के अलावा अलीगढ़ निवासी वजीहुद्दीन, अब्दुल्ला अर्सलान, माज बिन तारिक, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अब्दुल समद मलिक, फैजान बख्तियार, दिल्ली के बाटला हाउस निवासी अरशद वारसी, संभल के चंदौसी निवासी मोहम्मद नावेद सिद्दीकी, प्रयागराज निवासी रिजवान अशरफ को नामजद किया था। इनमें से वजीहुद्दीन मूल रूप से छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले का रहने वाला है और अलीगढ़ के फिरदौसनगर में कोचिंग पढ़ाता है।
जांच में सामने आया कि वजीउद्दीन आतंकी संगठन आईएस से जुड़ा हुआ है। वह अपने आईएस के हैंडलर की हिदायतों के मुताबिक आतंकी मंसूबों को पूरा करने के लिए किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की साजिश रच रहा था। वह देश में शरिया कानून लागू करने के लिए अपने संगठन से अन्य लोगों को भी जोड़ रहा था और उनको आतंकी जिहाद का प्रशिक्षण देता था l वजीहउद्दीन ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है l वह स्टूडेंट्स ऑफ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की आड़ में युवाओं को आईएस की विचारधारा से जोड़ रहा था। एटीएस उसकी आतंकी पृष्ठभूमि और उससे जुड़े लोगों के बारे में पड़ताल कर रही है।
रिजवान ने दिलाई थी आईएस की शपथ
वहीं दूसरी ओर बुधवार को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिए गये अब्दुल्ला अर्सलान और माज बिन तारिक ने पूछताछ में बताया कि दिल्ली निवासी रिजवान ने उनके साथ वजीहुद्दीन, अब्दुल समद मलिक, फैजान बख्तियार, मोहम्मद नावेद सिद्दीकी और अरशद वारसी को आईएस की शपथ दिलाई थी। इन सभी को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अधिक से अधिक छात्रों को आईएस से जोड़ने का काम दिया गया था। एटीएस उनसे केमिकल बम बनाने और उसे प्रयोग किए जाने वाले स्थानों के बारे में गहनता से पूछताछ कर रही है।
शाहनवाज और रिजवान से भी होगी पूछताछ
एटीएस आईएस आतंकी शाहनवाज और रिजवान को भी पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। दोनों को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पिछले माह गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उनको मुंबई एटीएस ने अपनी कस्टडी में ले लिया था। वर्तमान में दोनों पुणे जेल में बंद हैं। इसके लिए जल्द बी वारंट हासिल करके एटीएस की एक टीम पुणे भेजी जाएगी।
मानव तस्करी गिरोह का सदस्य रोहिंग्या नागरिक जम्मू से गिरफ्तार
बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों को अवैध रूप से सीमा पार कराने और उनकी भारतीय नागरिकता के फर्जी दस्तावेज बनाकर मानव तस्करी करने वाले गिरोह के सदस्य मोहम्मद हुसैन को यूपी एटीएस की टीम ने सोमवार को जम्मू की कारगिल कॉलोनी से गिरफ्तार कर लिया। उसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। एटीएस की टीम उसे ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लेकर आयी है। उसे अदालत में पेश कर उसे कस्टडी रिमांड पर देने का अनुरोध किया जाएगा।
एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल ने बताया कि एटीएस को सूचना मिली थी कि एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह सिंडिकेट बनाकर रोहिंग्या तथा बंग्लादेशी नागरिकों को प्रलोभन देकर अवैध तरीके से सीमा पार कराकर लाता है। यह गिरोह खासकर महिलाओं और बच्चों को धोखा देकर शोषण करने के उद्देश्य से लाता है और मानव तस्करी करता है। इस सूचना पर एटीएस ने 26 जुलाई 2021 को बांग्लादेश निवासी मोहम्मद नूर उर्फ नूरुल इस्लाम, म्यांमार निवासी रहमतुल्ला, शबीउल्ला को गिरफ्तार किया था।
उनके पास से एक लड़का रुबेल व दो लड़कियां रुमा व हमीदा को रेस्क्यू कर डिटेंशन सेंटर, दिल्ली भेजा गया था। इस मामले की विवेचना में मिले साक्ष्यों के आधार पर 2 अगस्त 2021 को बांग्लादेश निवासी अब्दुल सकूर और आले मियां को बरेली तथा 5 अगस्त 2021 को म्यांमार निवासी इस्माइल को हैदराबाद से पकड़ा गया था। तत्पश्चात 26 फरवरी 2022 को म्यांमार निवासी रफीक तथा 28 अगस्त 2022 को बप्पन उर्फ अरसद मियां को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इस गिरोह का सक्रिय सदस्य मो. हुसैन फरार चल रहा था, जिसे सोमवार को जम्मू के नरवाल स्थित कारगिल कालोनी से एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया।