
kanpur blind murder
– फोटो : अमर उजाला
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बांदा का दिलीप एक साल पहले नवंबर में ही अपने दोस्त के साथ कानपुर घूमने आया था लेकिन वह लौट नहीं पाया। दोस्त ने ही शराब पिलाकर उसकी हत्या कर दी और बिधनू के कुम्हऊपुर गांव में शव फेंक दिया। 15 नवंबर को सुबह पुलिस को शव मिला, लेकिन पास में न मोबाइल न कोई पहचान पत्र।
सिर पर गहरे वार से चेहरा भी खून से सना हुआ, पहचानना मुश्किल था। पास में मिला तो सिर्फ डॉक्टर का एक छोटा सा पर्चा, जिसमें दवाओं के नाम के अलावा लिखा हुआ था…दिलीप, उम्र 24 साल, बांदा। लेकिन, पर्चे में डॉक्टर का नाम नहीं। बस इतना ही सुराग था।
बांदा से पता चला कि दिलीप नाम के किसी व्यक्ति की गुमशुदगी दर्ज नहीं है। ऐसे में इसी पर्चे को आधार बनाकर बिधनू पुलिस ने तफ्तीश शुरू की और 357 दिन की मशक्कत के बाद पूरा मामला खोल दिया। पता चला कि उधार लिए 50 हजार न देने पड़ें, इसलिए दोस्त शिवशंकर सविता ने अपने ममेरे भाई सुशील के साथ मिलकर हत्या की थी।