
Rahul-Varun Meeting
– फोटो : Amar Ujala/Sonu Kumar
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केदारनाथ के पुजारी निवास में सियासत की वह स्क्रिप्ट तैयार की गई, जिसके आधार पर कहा जा रहा है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में बदली हुई तस्वीर नजर आने वाली है। दरअसल केदारनाथ के पुजारी निवास में राहुल गांधी और भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी की मुलाकात हुई है। इस मुलाकात के बाद भी सियासी गलियारों में कयास यही लगाए जा रहे हैं कि क्या वरुण गांधी आने वाले लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस के साथ जुड़ कर चुनाव लड़ेंगे? सियासी जानकारों का मानना है अगर ऐसा होता है तो निश्चित तौर पर यह कांग्रेस और वरुण दोनों के लिए सियासी तौर पर बहुत फायदे का सौदा हो सकता है।
जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी और वरुण गांधी की मुलाकात केदारनाथ के रास्ते में पुजारी निवास में हुई। सूत्रों के मुताबिक तकरीबन 40 मिनट तक हुई इस मुलाकात के दौरान राहुल गांधी और वरुण गांधी के बीच बातचीत हुई। सूत्रों का कहना है कि इस बातचीत के दौरान वहां और कोई भी व्यक्ति नहीं था। लेकिन बताया यही जा रहा है कि इस दौरान वरुण गांधी के परिवार से भी राहुल गांधी ने मुलाकात कर बात की। इस बातचीत को लेकर सियासत में अब तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं। राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार शांतिलाल पोखरियाल कहते हैं जिस तरीके से वरुण गांधी लगातार भारतीय जनता पार्टी पर हमलावर हैं, उससे यह अंदाजा पहले से लगाया जा रहा था कि उनका किसी ने किसी सियासी दल से नाता जुड़ सकता है। वह कहते हैं कि शुरुआती दौर में चर्चाएं समाजवादी पार्टी के साथ थीं। लेकिन राहुल गांधी से हुई मुलाकात के बाद यह माना जा रहा है कि संभव है लोकसभा चुनाव से पहले दोनों परिवारों के बीच में एकता हो जाए, और सियासी रूप से वरुण गांधी कांग्रेस के साथ आ जाएं।
राजनीतिक विश्लेषण और वरिष्ठ पत्रकार अरुण चतुर्वेदी कहते हैं कि बीते कुछ समय में वरुण गांधी का भारतीय जनता पार्टी पर किए जा रहे सियासी हमले को देखें, तो सहज ही अंदाजा लग जाता है कि आने वाले चुनाव में वह किस दिशा में जा रहे हैं। हालांकि अभी तक वरुण गांधी और राहुल गांधी की ओर से इस मुलाकात के बारे में कोई टिप्पणी या कोई जानकारी तो साझा नहीं की गई है। लेकिन इस यात्रा के दौरान मौजूद रहे सूत्र बताते हैं कि यह मुलाकात बहुत महत्वपूर्ण और बहुत ही गोपनीय थी। सियासी जानकारों का कहना है कि वैसे तो राहुल गांधी की केदारनाथ की यात्रा के पीछे भी एक बड़ा मकसद था, लेकिन वरुण गांधी का भी दौरा करना कोई सामान्य और महज संयोग जैसा नहीं दिख रहा है। इसलिए राहुल और वरुण इस मुलाकात को सियासी गलियारों में महज संयोग नहीं बल्कि आने वाले लोकसभा के चुनावों से पहले बहुत बड़े प्रयोग के तौर पर देखा जा रहा है।