Central Minister Prahlad Patel says leadership will decide CM MP Election News

प्रह्लाद सिंह पटेल
– फोटो : पीआईबी



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केंद्रीय मंत्री, पांच बार के सांसद और मप्र में पिछड़े समाज के बड़े नेता प्रह्लाद सिंह पटेल तीन दशक से ज्यादा लंबे राजनीतिक जीवन में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। प्रहलाद के समर्थक उन्हें भावी मुख्यमंत्री मान रहे हैं। पार्टी ने प्रहलाद को उनके भाई व विधायक जालम सिंह पटेल की सीट नरसिंहपुर से खड़ा किया है। प्रहलाद का कहना है कि हम चार मित्र हैं व चारों में सबसे लोकप्रिय सीएम शिवराज चौहान हैं। अमर उजाला के महेंद्र तिवारी से लंबी बात बातचीत के प्रमुख अंश…

चुनाव किस ओर जाता देख रहे हैं।

2023 के चुनाव को हम पूरी तरह से 2003 की ओर जाता देख रहे हैं। फर्क इतना है कि तब हम विपक्ष में थे। कांग्रेस राज में भ्रष्टाचार चरम पर था। दिग्विजय सिंह सरकार को हमने बंटाधार सरकार कहा था। जबर्दस्त जनादेश मिला। हमारी साढ़े 18 साल की सरकार में गरीब कल्याण, महिला सशक्तीकरण विकास के आधार रहे हैं।  जनता ने हमारे काम को देखा है। इस बार 2003 से बड़ी जीत के साथ भाजपा सत्ता में आ रही है।

18 वर्ष से ज्यादा समय से आपकी सरकार है। जनता पांचवीं बार मौका क्यों दे?

जनता कांग्रेस और हमारे शासन को विकास के मॉडल पर तौल रही है। आश्वासन, लालच देना और भ्रम पैदा करना कांग्रेस का चरित्र है। कांग्रेसी एकदूसरे के कपड़े फाड़ रहे हैं। कमलनाथ और दिग्विजय का एजेंडा बेटों को नेतृत्व थमाना है। छिंदवाड़ा में भाजपा सभी सीटें जीतेगी। कमलनाथ खुद चुनाव हारेंगे। वैचारिक रूप से दिवालिया दिग्विजय सीएम के कन्यापूजन पर सवाल उठाने लगे हैं।  इन्हें जनता जवाब देगी।

कई जगह भाजपा कार्यकर्ता टिकट से लेकर सीएम चेहरे तक पर सवाल उठाते मिले हैं।

भाजपा कार्यकर्ता ऐसा बोल ही नहीं सकता। हमारे कई फोरम पर उसे अपनी बात रखने का अधिकार है। यह गलतफहमी कांग्रेस ने पैदा करने की कोशिश की। कार्यकर्ता पूरी ताकत से प्रत्याशियों को जिताने में लगे हुए हैं। भाजपा अब तक की सबसे बड़ी जीत के साथ सरकार बनाएगी।

आप किस आधार पर कहते हैं कि दिग्विजय सिंह और कमलनाथ एक नहीं हैं।

आपने नहीं देखा कि कांग्रेस में प्रत्याशियों के नाम सामने आने पर क्या हुआ? पहली सूची के बाद कांग्रेस में आग लगी। कमलनाथ ने दिग्विजय व उनके बेटे का कुर्ता फाड़ने की बात कही। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट् किया कि मन और मेहनत एक साथ नहीं होगी तो भगवान मदद नहीं करेंगे। तब से दोनों एक साथ एक मंच नजर नहीं आए।

सत्ता विरोधी लहर या नाराजगी नहीं थी तो केंद्रीय मंत्रियों व सांसदों को क्यों उतारना पड़ा?

हम 2003 से परवान चढ़े लोग हैं। हम चार लोग 1986 से साथ चल रहे हैं।  शिवराज, कैलाश , नरेंद्र और फग्गन सिंह, सभी प्रदेश में मंत्री रह चुके हैं। मैं अकेला पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहा हूं। ये पार्टी रणनीति जिम्मेदारी तय करती है।

सत्ता के 20 वर्ष में भी आप नेतृत्व नहीं खड़ा कर पाए। बिना सीएम चेहरे के चुनाव लड़ रहे हैं। पीएम के चेहरे को क्यों आगे करना पड़ा?

यह धारणा बनाने का काम कांग्रेस का है। भाजपा के पास तीन पीढ़ी का नेतृत्व है। हम लोग दूसरी पंक्ति के नेता हैं। हमारे पास तीसरी पंक्ति की लीडरशिप तैयार है। कांग्रेस के पास दो नेताओं के बेटों के अलावा कोई है ही नहीं। रही पीएम की बात तो जनता उन्हें पसंद कर रही है। हमारे पास सक्षम नेतृत्व हैं, उसे क्यों न दिखाएं? सामूहिक नेतृत्व में पीएम के साथ सबके चेहरे हैं।

नरेंद्र तोमर ने कहा है कि शिवराज राष्ट्रीय अध्यक्ष बने तो इससे बड़ी उपलब्धि क्या होगी?

मैं टिप्पणी नहीं करूंगा। यह मेरा अधिकार नहीं है। पार्टी जिसको जो जिम्मेदारी देगी, वह निभाएगा।

कांग्रेस ने जाति गणना का वादा किया है। पिछड़े वर्ग के नेता के रूप में क्या स्टैंड है?

यह कांग्रेस समाज को कमजोर करने पर आमादा हैं। पहले तो कांग्रेस बताए कि मंडल कमीशन के समय उसका क्या रोल था? अगर वह पिछड़ों की बात करते हैं तो बताएं कि देश के प्रधानमंत्रियों में पिछड़े समाज से कितने हैं?  सिर्फ भाजपा से नरेंद्र मोदी हुए हैं। एमपी में पिछड़े समाज से सिर्फ तीन सीएम हुए हैं, वे सभी भाजपा से हैं। उमा भारती, बाबू लाल गौर और शिवराज सिंह चौहान।

आखिरी सवाल। क्या मैं एमपी के भावी मुख्यमंत्री से बात कर रहा हूं?

सरकार का मुखिया कौन होगा, यह पार्टी ही तय करेगी। हम चार दोस्तों (शिवराज, नरेंद्र, कैलाश व प्रह्लाद) में जनता के बीच यदि सबसे लोकप्रिय कोई व्यक्ति है तो वह शिवराज सिंह चौहान हैं। जब यह स्वीकार करने में कोई संकोच नहीं है तो अटकलबाजी क्यों है? चुनाव बाद नेतृत्व जो तय करेगा, उसका सब पालन करेंगे।



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