Corruption case registered against Inspector in death case of crusher businessman Indrakant Tripathi Mahoba

इंद्रकांत त्रिपाठी
– फोटो : अमर उजाला

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महोबा जिले में पत्थर मंडी कबरई के क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी मौत के मामले में चल रही आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच में एक और दरोगा के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच में तत्कालीन थानाध्यक्ष कबरई देवेंद्र कुमार शुक्ला पर 41 लाख 67 हजार 506 रुपये आय से अधिक व्यय किए जाने की पुष्टि हुई है। मामले की विवेचना भ्रष्टाचार निवारण संगठन लखनऊ करेगी। वर्तमान में एसआई जेल में बंद हैं।

कारोबारी की मौत के मामले में पुलिस महानिदेशक लखनऊ ने दोषी पुलिसकर्मियों की जांच कराकर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। एसआईटी द्वारा उपलब्ध कराई गई रिपोर्ट में तत्कालीन थानाध्यक्ष कबरई देवेंद्र शुक्ला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित किए जाने के आरोपों की खुली जांच भ्रष्टाचार निवारण संगठन झांसी को सौंपी गई थी। जांच में पाया गया कि मूलरूप से जनपद जालौन के बंगरा गांव निवासी एसआई देवेंद्र शुक्ला ने लोक सेवक के रूप में कार्यरत रहते हुए निर्धारित की गई अवधि में 35 लाख 55 हजार 355 रुपये की आय अर्जित की।

इसी अवधि में 77 लाख 22 हजार 861 रुपये का व्यय पाया गया। ऐसे में आय के सापेक्ष 41 लाख 67 हजार 506 रुपये अधिक व्यय किए जाने की पुष्टि हुई। जिसके संबंध में तत्कालीन एसआई कोई स्पष्टीकरण नहीं दे सके। प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर भ्रष्टाचार निवारण संगठन झांसी के प्रभारी निरीक्षक सुरेंद्र सिंह ने शहर कोतवाली में एसआई देवेंद्र शुक्ला के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है।

यह था पूरा मामला

कबरई के क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने सात सितंबर 2020 को तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार पर छह लाख रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया में वीडियो वायरल किया था। अगले दिन आठ सितंबर को क्रशर कारोबारी के गले में गोली लगी थी और 13 सितंबर का उनकी मौत हो गई थी। मामले की जांच एसआईटी ने की थी। जांच में तत्कालीन एसपी, तत्कालीन थानाध्यक्ष कबरई देवेंद्र शुक्ला, सिपाही अरुण यादव, व्यापारी सुरेश सोनी और ब्रह्मदत्त आत्महत्या के लिए उकसाने व भ्रष्टाचार के दोषी पाए गए थे। 

तत्कालीन एसपी, दरोगा और सिपाही इस समय जेल में बंद हैं, जबकि दोनों व्यापारी जमानत पर बाहर हैं। घटना के दौरान वर्ष 2020 में जिले में तैनात रहे उप निरीक्षकों की आय से अधिक संपत्ति की जांच चल रही है। अभी तक छह एसआई के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज हो चुका है।



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