Not only asthma throat infection also increasing due to Gorakhpur pollution

(सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : सोशल मीडिया



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मौसम सर्द होते ही इन दिनों प्रदूषण भी बढ़ता जा रहा है। इससे लोग कई तरह की बीमारियों की चपेट में भी आ रहे हैं। प्रदूषित वायुमंडल जहां अस्थमा रोगियों के लिए खतरे की घंटी है, वहीं इससे गले में संक्रमण के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में डॉक्टरों ने मौसम में इस बदलाव के मद्देनजर विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी है।

सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी में गले में संक्रमण के मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई है। डॉक्टरों का कहना है कि गर्मी-सर्दी के संक्रमण काल में इस तरह की दिक्कतें आती हैं। प्रदूषण के चलते संक्रमण का असर बढ़ जा रहा है। ऐसे में मौसम के इस बदलाव में खुद को सुरक्षित रखना जरूरी है।

इस साल अक्तूबर के अंतिम दिनों में भी तेज गर्मी थी। इसके बाद नवंबर शुरू होते ही अचानक तापमान में कमी आई, जिसके कारण लोगों को गले का संक्रमण झेलना पड़ रहा है। एक साल से कम उम्र के बच्चों में निमोनिया के मामले बढ़ गए हैं। फिजिशियन डॉ. बीके सुमन बताते हैं कि जब भी दो मौसम का संधिकाल होता है तो इस तरह की दिक्क्तें आती हैं, क्योंकि ऐसे में तमाम तरह के वायरस सक्रिय हो जाते हैं।

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नाक, कान और गला रोग विशेषज्ञ डॉ.अर्पित श्रीवास्तव का कहना है कि मौसम में बदलाव के दौरान ये दिक्क्तें आती हैं। सर्दी की शुरुआत में लोग सावधानी नहीं बरतते, जिससे इस तरह की दिक्कत आती है। कुछ लोगों को एलर्जी की वजह से भी ऐसा हो रहा है। ओपीडी में आ रहे अधिकांश मरीज एलर्जी की वजह से परेशान हैं।



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