Ujjain News: No fertilizer on societies slogans being raised along with blockade

खाद की किल्लत से किसान परेशान
– फोटो : अमर उजाला



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उज्जैन जिले में इन दिनों विधानसभा चुनाव की धूम साफतौर पर नजर आ रही है। सुबह से लेकर देर शाम तक प्रत्याशी जनता का आशीर्वाद लेने के लिए चौक चौराहा से लेकर तंग गलियों तक पहुंच रहे हैं और जन-जन से यही निवेदन करते दिखाई दे रहे हैं कि बस इस बार उनका आशीर्वाद मिला और वह विधायक बने तो क्षेत्र का चहुंमुखी विकास वही करवाएंगे। लेकिन इन सबके बीच उज्जैन जिले की छह विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले किसानों में वर्तमान सरकार के प्रति आक्रोश साफतौर पर देखा जा रहा है। क्योंकि आचार संहिता लगने के पहले तक सरकार को किसानों के लिए पर्याप्त रूप से यूरिया खाद की व्यवस्था करना थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और अब स्थिति यह है कि खाद न मिलने से किसान आक्रोशित हैं। जिसका असर विधानसभा चुनाव के नतीजों में भी देखने को मिल सकता है। 

विधानसभा चुनाव को लेकर तो पूरे जिले ही नहीं बल्कि प्रदेश भर में तरह-तरह की तैयारी की जा रही है एक और सुरक्षा की दृष्टि से जहां पुलिस फोर्स का प्रदेश में आना शुरू हो चुका है, तो वहीं प्रशासनिक अधिकारी भी वृद्ध व दिव्यांगजनों से बेलेट पेपर के माध्यम से घर-घर जाकर मतदान करवा रहे हैं। प्रत्याशियों की भी कुछ ऐसी ही तैयारी है वह भी सुबह से लेकर देर रात्रि तक विधानसभा क्षेत्र में भ्रमण करते दिखाई दे रहे हैं लेकिन इन सबके बीच किसानों को हो रही यूरिया खाद की किल्लत की ओर किसी का ध्यान नहीं है। पहले किसान यूरिया खाद के लिए सोसायटी पर चक्कर लगा रहा था, लेकिन जब यहां खाद नहीं मिली तो किसान इसके लिए शहर में बने किसान समृद्धि केंद्रों पर पहुंचने लगा लेकिन यहां भी जब आठ घंटे लाइन में लगने के बाद उन्हें खाद नहीं मिल रहा है तो उनका आक्रोश मुर्दाबाद के नारों के साथ साफतौर पर देखा जा रहा है। 

सुबह 3 बजे से लाइन में लगे थे, 11:30 केंद्र खुला तो बोर्ड लगा दिया “नहीं है खाद”

चिमनगंज मंडी स्थित किसान समृद्धि केंद्र पर जिले के किसानों ने खाद को लेकर जमकर हंगामा मचाया। उनका कहना था कि हम शुक्रवार, शनिवार को किसान समृद्धि केंद्र पर आए थे। जहां जिम्मेदारों ने हमें बताया था कि दो दिन मंडी में छुट्टी है खाद का वितरण अगले दिन किया जाएगा। इसीलिए हम सुबह 3 बजे से लाइन लगाकर इस केंद्र के खुलने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन सुबह 11:30 बजे जब यह केंद्र खुला तो यहां आए जिम्मेदारों ने आते ही यहां एक बोर्ड लगा दिया जिस पर लिखा था कि स्टॉक में खाद उपलब्ध नहीं है। खाद आने पर ही इसका वितरण किया जाएगा। बोर्ड देखकर ही किसान नाराज हो गए। उनका कहना था कि हमने गेहूं की फसल की बुवाई कर दी है। फसल को खाद की काफी जरूरत है, लेकिन इस समय हमें खाद उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है। यदि समय पर खाद नहीं मिलेगी तो गेहूं की उर्वरक क्षमता इस बार कम रहेगी। आक्रोशित होकर किसानों ने मंडी मे ही हमारी मांगे पूरी करो खाद दो….. खाद दो… के नारे लगाए और चक्का जाम भी किया। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी शामिल रही। बताया जाता है कि इस प्रदर्शन के दौरान लगभग 1000 किसान यहां उपस्थित थे। 

जिले की इन सीटों के परिणामों पर पड़ सकता है असर

बात अगर उज्जैन जिले की करें तो यहां उज्जैन उत्तर सीट विधानसभा क्षेत्र में ही किसानों की संख्या कम है। इसके अलावा जिले के बड़नगर, नागदा, महिदपुर, तराना, घटिया और उज्जैन दक्षिण ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां किसान बहुतायत में है। याद रहे की आगामी 17 नवंबर 2023 को जिले में मतदान होने वाले हैं और खाद न मिलने से किसान आक्रोशित है। अगर इन विधानसभा क्षेत्र में खाद की किल्लत दूर नहीं हुई तो इसका खामियाजा वर्तमान सरकार के प्रत्याशियों को भुगतना पड़ सकता है। 

डिप्टी कलेक्टर लक्ष्मीनारायण गर्ग कहते हैं कि यूरिया के वितरण को लेकर जिलाधीश कुमार पुरुषोत्तम के निर्देशों का पालन करते हुए खाद वितरण पर निगरानी रखी जा रही है। जिलाधीश महोदय ने यूरिया के आवंटन और मांग की पूर्ति की जानकारी मंगवाई है जल्द ही इस समस्या को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। 

 



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