
दोनो उम्मीदवारों की प्रतिष्ठा दांव पर।
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15 साल पहले परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई राऊ विधानसभा सीट पर इस बार टक्कर बराबरी की है। उम्मीदवार भले ही दोनो दलों ने नहीं बदले, लेकिन माहौल दोनों का एक जैसा है। चुनाव में किसी एक का पलड़ा भारी नहीं माना जा सकता है। रस्साकशी दोनो तरफ से पूरी ताकत से हो रही है।
कांग्रेस प्रत्याशी जीतू पटवारी की गिनती प्रदेश के बड़े नेताओं में होती है। इस बार चुनाव में उनकी प्रतिष्ठा दांव पर है। वही, यह चुनाव उम्र के 70 साल के पड़ाव में दोबारा टिकट पाने वाले मधु वर्मा के राजनीतिक कैरियर के लिए मायने रखता है। उनके लिए करो या मरो जैसी स्थिति है।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आधे-आधे बटे इस विधानसभा क्षेत्र में पटवारी को जातिगत समीकरणों से उम्मीद है तो वर्मा को शहरी वार्डों पर भरोसा है। ग्रामीण क्षेत्र में खाती समाज का तगड़ा वोटबैंक है और पटवारी भी उसी समाज से है, जबकि शहरी वार्डों में मराठीभाषी और सिख समाज के वोटर ज्यादा है जो परंपरगात रुप से भाजपा का वोटबैंक माना जाता है।
3.56 मतदाता इस क्षेत्र में है। डेढ़ लाख मतदाता शहरी आठ वार्डों के निवासी है। जिसमे राजेंद्र नगर, विष्णु पुरी, बिजलपुर बिचौली जैसे इलाके शामिल है। तीन चुनावों में से दो चुनाव इस सीट पर कांग्रेस ने जीते और एक भाजपा ने। पिछला चुनाव भाजपा प्रत्याशी मधु वर्मा 5 हजार वोटों के अंतर से हारे थे। तब उन्हें शहरी वार्डों से कम वोट मिले थे। कुछ समाजों की नाराजगी भी वर्मा को भारी पड़ी थी।
दोनो ही उम्मीदवार पूरे समय रहे सक्रिय
इस सीट पर चुनाव इसलिए भी रोचक है,क्योकि दोनो उम्मीदवार सक्रियता की कसौटी पर पांच साल खरे उतरे। पटवारी रोज सुबह सायकल लेकर विधानसभा के क्षेत्रों का भ्रमण कर रहवासियों से मिलते जुलते रहे है और लोगों से इमोश्नल अटैचमेंट रखने की कोशिश भी करते रहे है,जबकि वर्मा हार के बाद घर नहीं बैठे। पांच साल गली मोहल्ले नाप और नगर निगम के कामों को भी भुनाने की पूरी कोशिश की।
तिल्लौर क्षेत्र के मनोज पाटीदार कहते है कि वर्मा हमारे गांव में लगातार आते रहे और लोगों के काम भी कराए। उन्होंने जनता के बीच अपनी पैठ बनाई है। राऊ के निवासी मोहनलाल यादव ने कहा कि पटवारी के पास लोग काम लेकर जाते है तो वे अच्छी तरह से बात सुनते है और काम भी कराते है। लोगों को उनकी बातें प्रभावित करती है। यह उनके व्यक्तित्व की खासियत है। बिचौली क्षेत्र के किसान खुमान सिंह पटेल ने कहा कि कुछ भी कहा नहीं जा सकता कि कौन जीतेगा। दोनो उम्मीदवार काफी सक्रिय रहे है।
जीतू पटवारी कांग्रेस प्रत्याशी
प्लस पाइंट
– प्रदेश के बड़े नेता है। भाषण शैली से लोग प्रभावित हो जाते है।
-खाती समाज से आते है। समाज का ग्रामीण क्षेत्रों में वोटबैंक है।
– चुनावी मैनेजमेंट में माहिर, मुस्लिम वोटबैंक भी मददगार
मायनस पाइंट
-दस साल से लगातार विधायक, एंटी इकंमबेंसी का खतरा
– विधानसभा क्षेत्र में बड़े विकास के काम नहीं करा पाए।
– नगर निगम चुनाव में आठ में दो वार्ड ही कांग्रेस जीत पाई
मधु वर्मा भाजपा प्रत्याशी
प्लस पाइंट
– आईडीए के अध्यक्ष रहते कराए कामों के कारण अलग इमेज बनी।
– राऊ के छह वार्डों में भाजपा के पार्षद, उन वार्डों के कामों को भुनाया।
-भाजपा के परंपरागत वोटबैंक मददगार साबित होगा
मायनस पाइंट
– कांग्रेस प्रत्याशी की तुलना में उम्र ज्यादा, भाषण शैली में कमजोर।
– चुनाव लड़ने का कम अनुभव, चुनाव मैनेजमेंट में कमजोर।
– वर्मा मुराई समाज से है। समाज के वोटर विधानसभा में कम है।