
संत फिदेलिस स्कूल में अभिव्यक्ति दिवस पर कार्यक्रम में प्रस्तुति देते बच्चे
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संत फिदेलिस स्कूल जूनियर विंग के सभागार में अभिव्यक्ति दिवस पर एलकेजी के नन्हे-मुन्नों ने अपनी प्रस्तुति से छटा बिखेरी। विद्यार्थियों ने नाटक मंचन से अतिथियों का मन मोह लिया। उनकी हर प्रस्तुति पर अतिथियों और अभिभावकों ने तालियां बजाईं। अपने बच्चों की प्रस्तुति को कैमरे में कैद करने के लिए अभिभावक उत्सुक नजर आए। अपनी सीट से ही अभिभावकों ने अपने मोबाइल में प्रस्तुति के पलों को कैद किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानाचार्य फादर राबर्ट वर्गीस, फादर कुलकांत, सिस्टम बैंसी ने किया। बच्चों ने ”प्रेयर-डांस” के साथ ही ”स्वागत-नृत्य” प्रस्तुत किया। पेड़-पौधों की सुरक्षा और उनके महत्व पर एलकेजी के बच्चों ने नाटिका प्रस्तुत की। बच्चों ने कव्वाली पेश की, जिसमें पुराने और नए जमाने के खान-पान, शिक्षा व्यवस्था, रहन-सहन के बारे में प्रस्तुति दी। फिर बच्चों का फैशन शो हुआ। मॉडल्स की अद्भुत प्रस्तुति से अभिभावक और अतिथि तालियां बजाते रहे। फ्यूजन डांस में बच्चों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया।
प्रधानाचार्य फादर रॉबर्ट वर्गीस ने बताया कि प्रारंभ की गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को 1.0 शिक्षा प्रणाली कहा जाता है, जो पूरी तरह गुरु पर केंद्रित होती थी। फिर इंडस्ट्रीज आईं तो बच्चों ने उधर से भी सीखना शुरू किया, जिसे 2.0 शिक्षा प्रणाली कहेंगे। फिर कंप्यूटर आया तो वह समय हुआ 3.0 शिक्षा प्रणाली का। आज का समय 4.0 शिक्षा का समय है। आज के बच्चों की भाषा ‘मातृभाषा’ के अलावा ‘डिजिटल भाषा’ भी है। आज के बच्चे ‘डिजिटल नेटिव’ हैं। इसलिए पुरानी तकनीक से हम इन नये बच्चों को नहीं पढ़ा सकते।
फादर वर्गीस ने अभिभावकों से कहा कि आप अन्यत्र निवेश करने के स्थान पर अपने बच्चों पर निवेश कीजिए। संचालन विद्यालय की शिक्षिका तलत जबीन, नीरू सिंह ने किया। बच्चों ने ही आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। विद्यालय गान और राष्ट्रीय गान के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर कवि डॉ. अशोक अंजुम आदि मौजूद रहे।