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– फोटो : Amar Ujala/Rahul Bisht
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मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव 17 नवंबर को होने हैं। लेकिन चुनाव की तारीख से ठीक दस दिन पहले राज्य में 7 नवंबर की तारीख को सियासी नजरिए से सबसे महत्वपूर्ण दिन के तौर पर देखा जा रहा है। दरअसल 7 नवंबर को मध्यप्रदेश में सियासत की ‘बड़ी तारीख’ इसलिए मानी जा रही है, क्योंकि राज्य की सवा करोड़ से ज्यादा महिलाओं के खाते में लाडली बहना योजना के तहत राशि भेजने की तारीख मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यही तय की है। सियासी जानकार मानते हैं कि यह संभव है 7 तारीख को ट्रांसफर किए जाने वाले अमाउंट का असर 17 नवंबर को होने वाले मतदान पर भी दिखे। उनका कहना है अगर ऐसा होता है, तो सियासी रूप से मध्यप्रदेश की राजनीति में कयासों के बदलने का भी अनुमान लगाया जा सकता है। फिलहाल सियासी जानकारों का कहना है कि मध्यप्रदेश की राजनीति में लाडली बहना योजना की एंट्री के साथ कई तरह के सियासी समीकरण बनने और बिगड़ने लगे हैं। इसीलिए यह तारीख मध्यप्रदेश में बहुत अहम मानी जा रही है।
मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा के चुनावों को सियासी नजरिए से खूब नापा और तौला जा रहा है। चुनावी गुणा गणित भाजपा और कांग्रेस से लेकर अन्य राजनीतिक दलों समेत निर्दलीयों के वोटों पर लगाई जा रही है। राजनीतिक जानकार और वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध राजवंशी कहते हैं कि मध्यप्रदेश की सियासत में चुनाव के आते-आते कई तरह के समीकरण बनने और बिगड़ने वाले हैं। वह कहते हैं कि सियासत के इन समीकरणों में मुख्यमंत्री शिवराज चौहान की ओर से लागू की गई लाडली बहना योजना के तहत जारी की जाने वाली तारीख महत्वपूर्ण बन रही है, जो चुनाव से दस दिन पहले प्रदेश की सवा करोड़ महिलाओं से ज्यादा के खाते में आने वाली है। राजवंशी कहते हैं कि मतदान की तारीख से तुरंत पहले आने वाली इस रकम का मानसिक तौर पर असर पड़ा तो सियासत में कई समीकरण बदल सकते हैं।
मध्यप्रदेश के सियासी जानकारों का कहना है कि बीते कुछ महीनों में मध्यप्रदेश की सियासत एक तरह से बदलाव के दौर में आगे बढ़ रही है। पत्रकार और सियासी जानकार लक्ष्मण नेमा कहते हैं कि मध्यप्रदेश में शुरुआत से ही लड़ाई कांग्रेस और भाजपा के बीच में बनी हुई है। इसी बीच निर्दलीयों ने अलग-अलग विधानसभाओं में सियासी मैदान में उतरकर कई सीटों का गणित बिगाड़ते हुए विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी। इसके अलावा कुछ इलाकों में बहुजन समाज पार्टी और गोंडवाना जनतंत्र पार्टी समेत समाजवादी पार्टी ने भी सियासी समीकरणों को साधते हुए अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे। वह कहते हैं कि जब भाजपा और कांग्रेस की ओर से जनता को किए जाने वाले वादों की लिस्ट तैयार हुई, तो सियासत में उन पर आगे की रणनीतियां बननी शुरू हो गईं। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का कहना है कि उनकी पार्टी की ओर से महिलाओं को समान राशि के तौर पर दिए जाने वाले लाडली बहना योजना राज्य में गेम चेंजर साबित होने वाली है।
वरिष्ठ पत्रकार और सियासी जानकार सूरज शांडिल्य कहते हैं कि कुछ महीने पहले तक अगर राजनीतिक नजरिए से देखा जाए तो भारतीय जनता पार्टी के भीतर इतनी ज्यादा उठापटक थी कि सियासी तौर पर चुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए कमजोर माना जा रहा था। लेकिन इसी उठापटक और अंदरूनी राजनीति के बीच लाडली बहना योजना से भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश के चुनाव में वापसी की है। वह कहते हैं कि हालांकि कांग्रेस ने इस योजना की काट के तौर पर जनता के लिए किए गए वचन पत्र को आगे तो रख ही रही है। क्योंकि कांग्रेस के वादे और भारतीय जनता पार्टी की ओर से महिलाओं के लिए दी जाने वाली लाडली बहना योजना समेत गैस सिलंडर और अन्य योजनाओं का लाभ सीधे तौर पर मध्यप्रदेश की महिलाओं को मिलने लगा है। इसलिए मध्यप्रदेश के चुनाव में एक बार फिर से ट्विस्ट आ गया है। सियासी जानकारों का कहना है कि हालांकि राज्य में दोनों दलों की ओर से किए गए वादों को आने वाले 17 तारीख के मतदान में कसौटी पर कसा तो जाएगा ही।
यही वजह है कि मध्यप्रदेश में मतदान से करीब एक सप्ताह पहले कि यह 7 नवंबर की तारीख सियासी रूप से कई समीकरणों को साधने वाली मानी जा रही है। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ रहे बंटी साहू कहते हैं कि इस तारीख को सियासी नजरिए से तो बिल्कुल नहीं देखना चाहिए। उनका कहना है कि जब से यह योजना शुरू हुई है, तब से प्रदेश की सभी महिलाओं को इसी तारीख में यह धनराशि भेजी जाती है। बंटी साहू आरोप कहते हैं कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने अपने प्रदेश की महिलाओं को सक्षम बनाने के लिए लाडली बहना योजना को शुरू किया है। हालांकि उनकी इस दलील का काउंटर करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश कार्यकारी समिति के जितेंद्र सोनी कहते हैं कि मध्यप्रदेश की जनता को पता है कि इतने साल तक शासन करने वाले मुख्यमंत्री को आखिर लाडली बहना योजना के तहत दिए जाने वाली रकम की याद क्यों नहीं आई। सोनी का कहना है कि मध्यप्रदेश की जनता और यहां की महिलाओं को इस बात का अंदाजा है कि यह महज सियासत के लिए भारतीय जनता पार्टी ने शुरू किया है। वह कहते हैं कि उनकी सरकार बनते ही प्रदेश की महिलाओं को शुरुआत से ही ज्यादा सम्मान राशि के साथ अपने सभी वादे पूरे किए जाने शुरू हो जाएंगे।