Many kids injured in an school bus accident in BKT in Lucknow.

हादसे के बाद पहुंचे परिजन व स्कूल के बच्चे।
– फोटो : अमर उजाला



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इरफान 4- बच्चों को स्कूल ले जा रही बस पलटी, 12 छात्र जख्मी

बच्चों को स्कूल ले जा रही बस पलटी, 12 छात्र जख्मी

लखनऊ में बख्शी का तालाब में अस्ती रोड भीखापुर के पास सोमवार की सुबह निजी स्कूल बस पलटने से 12 छात्र जख्मी हो गए। हादसा चालक की लापरवाही से हुआ। जख्मी छात्रों का एक निजी अस्पताल में इलाज कराया गया। अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगा अस्पताल में हंगामा भी किया। पुलिस ने जांच की है।

एसएस इंटरनेशनल स्कूल की बस सोमवार सुबह बीजेपुर, बराखेमपुर सहित कई गांवों के कक्षा १२ तक के करीब 40 बच्चों को लेकर जा रही थी। जब बस अस्ती रोड स्थित भीखापुरवा के पास मोड़ पर पहुंची तो चालक ने नियंत्रण खो दिया और बस खेत में पलट गई। हादसा होते ही चालक रामबाबू भाग निकला। बस में फंसे बच्चों में चीख पुकार मच गई। शोर सुनकर गांव के लोग दौड़े। शीशे तोड़ कर बच्चों को बस से बाहर निकाला। इस बीच स्कूल प्रबंधन को खबर दी गई। स्कूल से एक वैन मौके पर भेजी गई। जिसमें घायल बच्चों को रामसागर मिश्र अस्पताल ले जाया गया।

हादसे में दीपिका, नितिका यादव, स्नेहा, आवर्तिका, अर्पिता, शिवानी, शिवांश यादव, शिवा रावत, रुद्र प्रताप सिंह सहित करीब 12 बच्चे घायल हुए। ज्यादा चोटिल अर्पिता का इलाज चल रहा है। शेष बच्चों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया। खबर पाकर कई अभिभावक भी अस्पताल पहुंचे थे। अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कुछ देर हंगामा किया। अभिभावकों ने बताया कि बच्चों के बारे में पूछने पर शिक्षक सही बात नहीं बता रहे थे, कि बच्चों को इलाज के लिए कहां ले जाया गया है। स्कूल के मालिक अनिल सिंह के मुताबिक चालक की लापरवाही अवश्य रही होगी। तभी हादसा हुआ है। बस में लगभग 35 से 36 स्टूडेट सवार थे। जिसमें से एक छात्र घायल हुआ है। उसका एक्स-रे करवाया जा रहा है। शेष बच्चों को दवा देकर छुुटटी कर दी गयी है। थाना प्रभारी के मुताबिक घटना के बाद वह अस्पताल गए थे, लेकिन वहां से बच्चों की छुट्टी हो चुकी थी। कोई शिकायत नहीं मिली है।

छात्र शिवा ने मुक्के से शीशा तोड़ खुद निकल कर साथियों को निकाला

हादसे के बाद जब उसमें सवार छात्र-छात्राएं चीख पुकार कर रही थीं, तब नौवीं के छात्र शिवा ने बड़ी हिम्मत दिखाई। उसने मुक्के से बस की खिड़की का शीशा तोड़ा और बाहर निकला। उसके बाद अपने अन्य साथियों की बाहर निकलने में मदद की। हालांकि इस बीच गांव के लोग भी मदद को पहुंच गए थे।

 



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