
Jhansi Medical College
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झांसी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस और नर्सिंग छात्रों के गुट जिस तरह शुक्रवार को आपस में भिड़े, उसे देखकर कोई नहीं कह सकता है कि यहां भावी डॉक्टर तैयार किए जाते हैं।
कहने को तो ये डॉक्टर हैं, इनके पास मरीजों के दिल की धड़कन जांचने के लिए स्टेथोस्कोप और बीमार को दवा लिखने के लिए जेब में कलम ही होता है, लेकिन कैंपस में झगड़े के दौरान की गई तोड़फोड़ और मारपीट के लिए इनके हाथों में फटाफट डंडे, सरिया और हॉकी कहां से आए, इस पर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने भी चुप्पी साध रखी है।
स्थिति ये थी कि घंटों चले बवाल के दौरान छात्रों ने कैंपस में घूम-घूमकर तोड़फोड़ की। वहीं, मौके पर एक दरोगा का गिरेबां तक पकड़ लिया। मेडिकल कॉलेज कैंपस शुक्रवार को झांसी के किसी गली-मोहल्ले में होने वाले ऐसे उपद्रव से भरा दिखा जहां मोहल्ले के अराजक युवक आपस में भिड़ रहे हों।
सीन कुछ ऐसा था कि कैंपस के बाहर खड़े कई मरीजों के तीमारदार अर्जुन कुमार, भगवती देवी, कल्याण, शोभा और अंजली कुशवाहा ने कहा कि छात्र जिस तरह से लड़ रहे थे, उन्हें देखकर लग रहा था कि ये होने वाले डॉक्टर नहीं बल्कि किसी के खून के प्यासे युवक हैं।