
मंत्री गोयल ने पुस्तक का विमोचन भी किया।
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केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि प्याज हर साल अक्टूबर के अंत में आता है। इस साल बारिश देरी से हुई। इसका असर प्याज की फसल पर हुआ। लेट खरीब का प्याज मार्केट में देरी से आया है। सरकार पहले दो लाख टन प्याज का बफर स्टाॅक रखती थी, लेकिन इस बार देरी को ध्यान में रखते हुए पांच लाख टन बफर स्टाॅक किया।
फिर किसानों से खरीद कर दो लाख टन बफर स्टाॅक और बढ़ाया। जब प्याज की आवाक मार्केट में ज्यादा थी तो भाव टूट रहे थे, लेकिन सरकार ने महंगे दामों पर किसानों से प्याज खरीदा। अब जब दाम बढ़ने लगे तो बफर स्टाॅक का माल बड़े पैमाने पर मार्केट में निकाला।
मंत्री गोयल ने कहा कि देश के 76 साल के इतिहास में केंद्र सरकार ने रीटेल में 25 रुपये प्रति किलो में उपभोक्ता को प्याज उपलब्ध कराया। किसानों से ज्यादा कीमत पर खरीदे गए प्याज का भार सरकार ने खुद पर लिया। सरकार प्याज बेचने के लिए स्पेशल मोबाइल वेन चलाई केंद्र व राज्य सरकर के भंडारों से बेच रही है। अब प्याज के दाम टूट रहे है। दो हफ्ते में प्याज के दाम और कम हो जाएंगे।
भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोपों पर गोयल ने कहा कि हमने प्रदेश में एक ईमानदार सरकार दी, जिसने जनता की भलाई के काम किए। कांग्रेस के नेता सिर्फ अपनी संतानों को राजनीतिक तौर पर स्थापित करने में लगे है। कमल नाथ के साथ अब तो उनकी पार्टी भी साथ नहीं दे रही।
मैं फैक्टरी लगाना चाहता था इंदौर में
राजनीति में परिवारवाद पर वे बोले कि मेरी मां तीन बार विधायक रही। अटलजी, नानाजी देशमुख की गोद में खेलकर मैं बड़ा हुआ, लेकिन उसका फायदा मुझे राजनीति में नहीं मिला। मैं सीए बना।
फिर मुबंई के पास एक फैक्टरी खोली। 80 के दशक में फैक्टरी की जमीन के लिए मै इंदौर में एकेवीएन के दफ्तर भी आया था। तब पीथमपुर में कैप्सूल की फैक्टरी खोलना चाहता है। सीए होने के कारण पार्टी ने मुझे राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बनाया और फिर मेरा राजनीतिक सफर शुरू हुआ। तब तक मेरे माता पिता का राजनीतिक कैरियर समाप्त हो चुका था। उसके बाद ही पार्टी ने मुझे मौका दिया।