
जुबां पर कैसे चढ़ा झूठ
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छोटे-छोटे बच्चे घर और स्कूल में इस कदर झूठ बोल रहे हैं कि कोई होमवर्क न करने पर शिक्षिका को बता रहा है कि उसकी मां मर गई है इसलिए वह होमवर्क नहीं कर पा रहा है, वहीं कोई स्कूल में छोटा सा झगड़ा होने पर अपनी सहपाठी को दुष्कर्म कर देने की धमकी दे रहा। हालांकि बच्चे के लिए यह बात सिर्फ एक झूठ है, लेकिन शिक्षक व अभिभावक उनकी बात सुनकर सन्न हैं, ऐसे में बच्चों की काउंसलिंग की गई तो पता चला कि उनका बच्चा कंडक्ट डिसऑर्डर का शिकार है।
इन दिनों स्कूलों और काउंसलर के पास हर महीने ऐसे 10-12 केस आ रहे हैं। बच्चों की इस स्थिति को लेकर अभिभावक और शिक्षक दोनों परेशान हो रहे हैं। जिला अस्पताल की मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. शिकाफा जाफरीन ने बताया कि ऐसे मामले बढ़ रहे हैं। दरअसल टीवी और मोबाइल पर किसी भी प्रकार की हिंसक वीडियो बच्चे के दिमाग पर गहरा प्रभाव डालते हैं।
बच्चे को लगता है कि इस प्रकार से अपनी बात मनवाई जा सकती है, वह स्वयं हिंसक व्यवहार, झूठ बोलना, धमकी देना आदि करने लगता है। सबसे बड़ी बात यह है कि उसे न तो यह सब गलत लगता है न ही उसे बुरा लगता है। यदि बच्चे में ऐसी आदत बढ़ने लगे तो उसे काउंसलिंग की आवश्यकता होती है।
पर्सनालिटी डिसआर्डर की तरफ बढ़ने लगता है बच्चा
कंडक्ट डिसऑर्डर होने पर सही समय पर काउंसलिंग न मिले तो यह प्रवृत्ति उम्र बढ़ने के साथ पर्सनालिटी डिस्आर्डर में बदल जाती है। जिसमें इसके शिकार व्यक्ति को अपनी हरकताें, हिंसा और झूठ पर किसी प्रकार का कोई पछतावा नहीं होता। यह विकार बढ़ते-बढ़ते इंसान में आपराधिक प्रवृत्ति ले आता है। यदि आपके बच्चे में भी झूठ बोलने की आदत बढ़ रही है, या वह छोटी-छोटी बातों पर अधिक गुस्सा कर रहा है तो उस पर ध्यान जरूर दें।