
उज्जैन में बन रही वैदिक घड़ी
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उज्जैन में गऊघाट क्षेत्र में प्राचीन वेधशाला के अंदर स्थापित हो रही विश्व की पहली वैदिक घड़ी के उद्घाटन का समय लेटलतीफी के कारण निश्चित नहीं हो पा रहा है। अधिकारियों ने निरीक्षण के बाद दिशा-निर्देश दिए लेकिन काम की गति नहीं बढ़ पाती है। अब लगता है कि मुहूर्त बताने वाली इस घड़ी का शुभ मुहूर्त 2024 में ही आएगा।
30 मुहूर्त के साथ समय बताने वाली विश्व की पहली वैदिक घड़ी की स्थापना कराने के लिए नगर निगम ने पिछले साल 6 नवंबर को भूमि पूजन कराया था। काल गणना के केंद्र माने गए उज्जैन में वैदिक घड़ी का काम पूरा होकर उद्घाटन कब होगा यह समय अभी तक नहीं आया है। अब यह शायद 2024 में ही संभव होगा क्योंकि अब तक न तो घड़ी बन सकी है और न ही टॉवर का निर्माण पूरा हुआ है। अगले दो माह में निर्माण पूरा होगा, यह भी मुश्किल है। वैदिक घड़ी का उद्घाटन अब 2024 में ही संभव है। जीवाजी वेधशाला में 82 फीट ऊंचे क्लॉक टॉवर पर इस वैदिक घड़ी का निर्माण नगर निगम कर रहा है। पिछले साल भूमिपूजन पर कहा गया था कि जल्द घड़ी का निर्माण कर उद्घाटन होगा। 1.47 करोड़ रुपये से तीन महीने में क्लॉक टॉवर का निर्माण कर गुड़ी पड़वा (22 मार्च 2023) को वैदिक घड़ी की स्थापना की जाएगी। ऐसा हो न सका। इसका कारण यह है कि फाउंडेशन वर्क के लिए खुदाई करने पर जमीन से पॉलीथिन निकली। संशोधित ड्राइंग-डिजाइन देरी से जारी हुआ। ठेकेदार ने भी काम को गंभीरता से नहीं लिया। उस पर पेनल्टी भी लगाई गई। मार्च में नगर निगम ने दावा किया था कि जुलाई तक क्लॉक टॉवर का निर्माण पूरा हो जाएगा। फिर 15 अगस्त, 5 सितंबर और आगे चलकर 31 अक्टूबर की समयसीमा तय की गई। मौजूदा स्थिति में दो महीने में भी क्लॉक टॉवर बनना मुश्किल ही है।