MP Election 2023: This time the pose of 'Dewas Maharani' changed in election hoardings, Congress did not get t

भााजपा प्रत्याशी गायत्री राजे का पोस्टरों में अब हाथ जोड़ने वाला पोज।
– फोटो : amar ujala digital



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तीन दशकों से राजनीतिक के नक्शे पर भाजपा की चमक देवास में फीकी नहीं पड़ी। वजह है राजपरिवार। छह बार लगातार देवास राजपरिवार के तुकोजीराव पंवार विधायक रहे और उनके निधन के बाद पत्नी गायत्री राजे 12 सालों से विधायक के रुप में उनकी राजनीतिक विरासत संभाल रही है। राजपरिवार के प्रति जनता का इमोश्नल अटैंचमेंट भाजपा के लिए विधानसभा चुनाव में तरुप का इक्का साबित होता है और कांग्रेस के पास इसका कोई तोड़ नहीं है।

पिता ने की थी लीड़ कम

इस बार कांग्रेस ने टिकट तय करने से पहले दिमाग लगाया और जातिगत समीकरणों के हिसाब से खाती समाज के प्रदीप चौधरी को उम्मीदवार बनाया। प्रदीप के पिता रतनलाल चौधरी भी तुकोजीराव पवार के सामने चुनाव लड़ चुके है। वे जीत तो नहीं पाए, लेकिन पंवार की लीड़ तब दस हजार वोटों में सिमट गई थी। वो पंवार की सबसे कम अंतर की जीत थी। कांग्रेस के रणनीतिकारों ने हार के कम अंतर को अंडरलाइन कर प्रदीप चौधरी के नाम पर उंगली रखी है,क्योकि ग्रामीण क्षेत्रों में खाती समाज का तगड़ा वोटबैंक है।

खुल गई हाथ की घड़ी

देवास के राजनीतिक माहौल को सड़कों पर लगे होर्डिंग से भी समझा जा सकता है। देवास की जनता ने पिछले चुनाव में होर्डिंगों पर गायत्री राजे को हाथ की घड़ी वाले पोज की तस्वीर देखी थी, लेकिन इस बार होर्डिंग में हाथ की घड़ी खुलकर नमस्कार की मुद्रा में आ गई है, जो मतदाता के बीच चर्चा का विषय भी है।

कांग्रेस परिवर्तन के मुद्दे को जनता के बीच उछाल रही है। उसका फोकस खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में है, लेकिन देवास में दोनो पार्टियों के अलावा पैलेस का परंपरागत वोटबैंक भी है। जिसे भाजपा अपनी ताकत मानती है। कांग्रेस शहरी वोटबैंक में अपना वोट शेयर बढ़ाना चाहती है। कांग्रेस का टिकट पाने वाले प्रदीप चौधरी ने कोरोना काल में लोगों की मदद कर शहरी हिस्से में अपनी राजनीतिक जमीन तैयार की और वे उन कामों को चुनाव में भुनाने की कोशिश भी कर रहे है।

चौड़ी सड़क पर फ्लाईओवर की क्या जरुरत

देवास के प्रसिद्ध मसाला पोहे की दुकान के बाहर खड़े लोगों से जब राजनीति के मुद्दे पर हमने बात छेड़ी तो एक मतदाता ने कहा कि इस बार देवास में विकास के काम हुए। अब पानी का संकट नहीं रहता है। फ्लाईओवर भी बन गया है, लेकिन तभी दूसरा शख्स उनकी बात काटते हुए कहता है कि चौड़ी सड़क पर फ्लाईओवर की जरुरत ही क्या थी। संकरी गलियों में बुलडोजर क्यों नहीं चलते। दिनभर गलियों में जाम लगता है।

देवास गेट के समीप फल का ठेला लगाने वाले राजू मालवीय कहते है कि हमे महारानी (भाजपा प्रत्याशी गायत्री) से कोई शिकायत नहीं है, बस रोजगार पर थोड़ा ध्यान होना चाहिए। हमे गांव से रोज फल बेचने शहर आना पड़ता है। एक युवा मतदाता कहते है कि देवास उच्च शिक्षा के मामले में पिछड़ा है। प्रदेश के कई शहरों में मेडिकल काॅलेज खुल चुके है, लेकिन देवास में कोई प्रयास नहीं हुए। कोई बड़ा सरकारी इंजीनियरिंंग काॅलेज भी नहीं है।



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