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उत्तर प्रदेश में एसटीएफ की आगरा यूनिट ने हाथरस के कुख्यात राजेश टोंटा गैंग के 50 हजार के इनामी शूटर लारेंस यूसुफ को गिरफ्तार किया। टीम ने उससे रातभर पूछताछ की। पूछताछ में जानकारी मिली है कि टोंटा की हाथरस में बेनामी संपत्तियां हैं, जो आने वाले दिनों में हाथरस में खूनखराबे की वजह बन सकती हैं। टोंटा की हत्या के बाद उसकी पत्नी ने अपने पड़ोसी बिल्डर संजीव रावत को चिह्नित किया था। उसे धमकाने का काम लारेंस को सौंपा था।
न्यू विजय नगर कालोनी निवासी बिल्डर संजीव रावत ने लारेंस यूसुफ, टोंटा की पत्नी कनक शर्मा और बेटे राज के खिलाफ थाना हरीपर्वत में मुकदमा दर्ज कराया था। रावत मूल रूप से हाथरस में टोंटा के पड़ोस का रहने वाले हैं। इसी मुकदमे में नामजद होने के बाद लारेंस पर एसटीएफ ने शिकंजा कसना शुरू किया था। एसटीएफ ने लारेंस को भरतपुर से गिरफ्तार किया। वह टोंटा के साथ कई वारदातों में शामिल रहा था। बृजेश मावी हत्याकांड में भी शामिल था। लंबा समय उसने जेल में गुजारा है।
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वर्ष 2022 में हाथरस पुलिस ने लारेंस और टोंटा के बेटे राज को एनडीपीएस में जेल भेजा था। हाथरस में उसके खिलाफ बिल्डर रावत के भाई ने शिकायत की थी। पुलिस ने लारेंस यूसुफ से पूछा कि वह बिल्डर संजीव रावत के पीछे क्यों पड़ा है। यूसुफ ने पुलिस को बताया कि टोंटा तो मर चुका है। उसकी कई बेनामी संपत्ति हाथरस में हैं।
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बिल्डर संजीव रावत और टोंटा के घर हाथरस में एक ही गली में हैं। हाथरस में बेशकीमती जमीन है। इसे लेकर टोंटा की पत्नी का कहना है कि भूखंड में उसके पति का भी हिस्सा था। यही कारण है कि वह संजीव से अपना हिस्सा लेना चाहती है। अब पुलिस टोंटा की पत्नी व बेटे की तलाश कर रही है। दोनों से पूछताछ के बाद टोंटा की बेनामी संपत्तियों की जानकारी हो सकेगी। एसटीएफ ने शूटर से घंटों पूछताछ की मगर उसने ज्यादा कुछ नहीं बताया।